आवाज़ ए हिमाचल
कोहली, शाहपुर। पूर्व उप प्रधान रैत पंचायत राजिन्द्र प्रसाद शर्मा ने कहा कि 1971 में मुज़ाहरा कानून द्वारा सताए मालिकों को भी उचित मुआवजा मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में आने वाले 12 नवम्बर को हिमाचल विधानसभा के चुनाव होने जा रहे हैं, जिसके लिए पार्टियां भिन्न-भिन्न प्रकार से प्रलोभन देकर जीत की लहर फैलाने में जुट गई हैं। कर्मचारी वर्ग पुरानी पेंशन को लेकर वोट देने पर अड़ गए हैं तो कोई किसी और मांग को लेकर डट गए हैं।
उन्होंने कहा कि 1971 में शासित सरकार द्वारा पारित मुज़ाहरा क़ानून से पीड़ित भूमि मालिक, जिनकी जमीन उनके हमसफर रहे किसानों को मात्र 96/-रु में (और वे भी टरेज़री में जमा किए गए थे) देकर इंतकाल कर हस्तांतरण करके मालिकों को भूमि हीन कर दिया था। राजिंदर प्रसाद शर्मा ने कहा कि सभी भूमि हीन हुए मालिकों को भी पुरानी पेंशन के तर्ज़ पर मुआवजा देने वाली सरकार को वोट देने पर लामबद्ध होना चाहिए, जो भूमिहीनों को उचित मुआवजा दे या कानून को निरस्त करे।