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कोहली, शाहपुर। राजकीय महाविद्यालय शाहपुर में नवरात्रि की उपलक्ष्य पर कांगड़ा की विलुप्त होती लिखणू कला पर महाविद्यालय की साहित्यिक समिति द्वारा लिखणू प्रतियोगिता एवं व्याख्यान का आयोजन किया गया। जिसमें लगभग 24 प्रतिभागियों ने बढ़ चढ़ कर प्रतिभाग किया। साहित्यिक समिति द्वारा लिखणू कला पर व्याख्यान का आयोजन किया गया जिसकी बीज वक्ता स्थानीय प्राचार्या डॉ मीनाक्षी दत्ता रहीं, जिन्होंने लिखणू कला पर विद्यार्थियों का ज्ञानवर्धन करते हुए उन्हें कांगड़ा की संस्कृति के विषय पर यथा-नवरात्रों में, विभिन्न त्योहारों, पंच भीष्म, तुलसी विवाह, दीवाली,जन्मदिन, उपनयन, व्रत आदि विषयों पर बनाए जाने वाले लिखणू पंरपरा से अवगत करवाया। प्राचार्या ने अपने सम्बोधन में कहा कि युवा पीढ़ी को धार्मिक परंपराओं को जीवित रखना है और अपने माता पिता, बुजुर्गों से ज्ञान लेते हुए इन विलुप्त होती परंपराओं को आगे बढ़ाना है क्योंकि बिना संस्कारों के बिना संस्कृति के हमारी कोई पहचान नहीं है। अपने संस्कारों, संस्कृतियों, परंपराओं को जीवित रखते हुए अपनी संस्कृति को दूसरों तक हस्तांतरित करना है। प्राचार्या ने विद्यार्थियों से आह्वान किया कि पढ़ाई के साथ-साथ अपनी संस्कृति से जुड़े रहे क्योंकि यही हमें जीने के लिए लालायित करती है।
लिखणू प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पर ईशा, द्वितीय स्थान पर तन्वी एवं प्रियंका, तृतीय स्थान पर तानिया मेहरा एवं तनुशा रही तथा आशना एवं यवन कार्तिक को सांत्वना पुरस्कार से पुरस्कृत किया गया। इस कार्यक्रम में प्रो मंजिन्दर कौर, डॉ अंजलि, डॉ श्रुति, प्रो आशा शर्मा, प्रो सुशीला शर्मा, प्रो साक्षी उपस्थित रहे।