आवाज ए हिमाचल
ब्यूरो, शाहपुर। राजकीय महाविद्यालय शाहपुर में आपातकालीन आपदा प्रबंधन संसाधन केंद्र (EDMRC) कांगड़ा द्वारा तीन दिवसीय आपदा प्रबंधन शिविर का भव्य आगाज हुआ। इस शिविर का उद्देश्य छात्रों को आपदाओं से निपटने के लिए तैयार करना और संकट की स्थिति में उनकी प्रतिक्रिया क्षमता को सशक्त बनाना था।
शिविर का उद्घाटन बीज वक्ता हरजीत भुल्लर ने किया, जिन्होंने छात्रों को आपदाओं के दौरान संचार की महत्वपूर्ण भूमिका और त्वरित प्रतिक्रिया के महत्व पर मार्गदर्शन दिया। उन्होंने बताया कि किस प्रकार सटीक और समय पर जानकारी का आदान-प्रदान आपदा के प्रभाव को कम कर सकता है।
प्रशिक्षक नितिका, नरेंद्र कुमार, और गुलशन मनहास ने पहले दिन आपदा प्रबंधन के बुनियादी सिद्धांतों पर प्रकाश डाला, जिसमें भूकंप, बाढ़ और आग जैसी आपदाओं के दौरान त्वरित कार्रवाई और बचाव कार्यों की जानकारी दी गई। प्रशिक्षकों ने छात्रों को व्यावहारिक गतिविधियों के माध्यम से सिखाया कि आपात स्थिति में कैसे प्रभावी रूप से प्रतिक्रिया दी जाए और प्राथमिक उपचार कैसे प्रदान किया जाए।
महाविद्यालय प्राचार्य विश्वजीत सिंह ने कहा कि महाविद्यालय शाहपुर में आपदा प्रबंधन पर तीन दिवसीय शिविर का आयोजन एक महत्वपूर्ण पहल है। आपदा प्रबंधन की समझ और त्वरित प्रतिक्रिया की क्षमता आज के समय की सबसे बड़ी ज़रूरत है। मैं ई डी एम आर सी (EDMRC) कांगड़ा, प्रशिक्षकों और हमारे बीज वक्ता हरजीत भुल्लर का आभार व्यक्त करता हूँ, जिन्होंने छात्रों को आपदा के दौरान सुरक्षा और जागरूकता की दिशा में प्रशिक्षित किया। यह शिविर न केवल छात्रों की व्यक्तिगत सुरक्षा बल्कि समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित करने में भी सहायक होगा। मैं आशा करता हूँ कि हमारे छात्र इस प्रशिक्षण से प्राप्त ज्ञान को समाज में साझा करेंगे और आपदा प्रबंधन की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान देंगे।”
कार्यक्रम में नॉडल ऑफिसर आशा शर्मा, डॉ. श्रुति शर्मा, प्रो. हरीश कुमार, और प्रो. केशव कौशल भी उपस्थित रहे, जिन्होंने छात्रों को प्रेरित किया और आपदा प्रबंधन के इस महत्वपूर्ण विषय पर अपने विचार साझा किए।