: शाहपुर के परगोड़ का शहीद पंचतत्व में विलीन,बेटी ने दी मुखाग्नि
: शहीद की पार्थिव देह से लिपट-लिपट कर रोए माता-पिता व पत्नी
: 20 दिन पहले ही छुट्टी काट कर वापस मेघायल लौटे थे विजय
आवाज़ ए हिमाचल
दीपक गुप्ता, शाहपुर।शाहपुर विधानसभा क्षेत्र के तहत ग्राम पंचायत परगोड़ के शहीद विजय कुमार की पार्थिव देह पूरे सैन्य सम्मान के साथ पंचतत्व में विलीन हो गई। शहीद की बेटी कुमकुम व भतीजे अंकुश कुमार वर्धन ने पार्थिव देह को मुखाग्नि दी। इस दौरान हजारों लोगों ने शहीद को नम आंखों से अंतिम विदाई दी। इससे पूर्व शुक्रवार देर शाम शहीद की पार्थिव देह घर पहुंचते ही पूरा गांव चिंखो पुकार से गूंज उठा। पूरा क्षेत्र विजय कुमार अमर रहे,भारत माता की जय’ के नारों से गूंज उठा। शहीद विजय कुमार की पत्नी सहित माता-पिता शव के साथ लिपट-लिपट कर रोए। शहीद के परिजनों को रोते-बिलखते देख हर किसी का दिल पसीज गया तथा आंखे नम हो गई। शहीद विजय कुमार की माता स्वर्णा देवी, पिता सागर सिंह व पत्नी सुलक्षणा व बच्चों का रो-रो कर बुरा हाल था। रिश्तेदार परिजनों को ढांढस बंधवाते रहे।पार्थिव देह के साथ आई सेना की टुकड़ी व पुलिस जवानों ने हवाई फायर कर शहीद की पार्थिव देह को सलामी दी। प्रशासन की तरफ से जिलाधीश कांगड़ा डॉ निपुण जिंदल ने पुष्प चक्र अर्पित कर शहीद को श्रद्धांजलि दी। इस मौके पर जिलाधीश कांगड़ा डॉ निपुण जिंदल, एडिशनल एसपी हितेश लखनपाल, एसडीएम कांगड़ा सोमिल गौतम, नायब तहसीलदार हारचक्कियां डीसी राणा,पंचायत प्रधान मनेई निशा देवी,प्रधान अपर लंज रेखा देवी,प्रधान हारचकियाँ तिलक राज, प्रधान ठेहड़ मंजीत राणा ,सहित सैंकडों लोगों ने नम आंखो से वीर सैनिक को अंतिम विधाई दी। जिलाधीश डॉ निपुण जिंदल ने वीर जवान विजय कुमार की अंत्येष्टि में शामिल होकर परिवार के लोगों के साथ अपनी संवेदनाएं प्रकट करते हुए उनका ढांढस बांधा। उपायुक्त ने कहा कि देश की रक्षा में अपने प्राणों का त्याग करने वाले वीर सैनिकों का देश हमेशा ऋणी रहेगा। दूसरी तरफ शाहपुर के विधायक केवल सिंह पठानिया की तरफ से शाहपुर ब्लॉक कांग्रेस के अध्यक्ष सुरजीत राणा ने शहीद की पार्थिव देह को श्रद्धांजलि दी।यहां बता दे कि मेघालय के दक्षिण गारो हिल्स में डयूटी के दौरान हवलदार विजय कुमार हाथियों के झुंड के हमले में शहीद हो गए है।
जानकारी अनुसार 41 वर्षीय शहीद विजय कुमार पुत्र सागर सिंह वर्धन वर्ष 2002 में भर्ती हुए थे। विजय कुमार मौजूदा समय में मेघालय में बतौर हबलदार कार्यरत थे तथा 9 अगस्त बुधवार को मेघालय के दक्षिण गारो हिल्स में ड्यूटी के दौरान हाथियों के झुंड ने उन पर हमला कर दिया जिससे वे शहीद हो गए। शहीद विजय कुमार अभी 20 दिन पहले ही छुट्टी काटकर वापिस ड्यूटी गए थे।
शहीद के पिता सूबेदार सागर सिंह बीएसएफ से सेवानिवृत्त हैं जबकि माता स्वर्णा देवी गृहिणी है। शहीद विजय कुमार अपने पीछे माता-पिता, 37 वर्षीय पत्नी सुलक्षणा, 15 वर्षीय बेटी कुमकुम, 12 वर्षीय शगुन व चार वर्षीय सहज वर्धन को छोड़ गए है।