आवाज़ ए हिमाचल
28 दिसंबर।शाहपुर विधानसभा क्षेत्र की पंचायत परगोड के पांच,छ व सात वार्ड के लोगों ने पंचायत चुनावों का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है।परगोड संघर्ष समिति के प्रधान हंसराज मेहता ने बताया कि क्षेत्र के तीन वार्ड पूरी तरह से पिछड़े है,जिसकी बजह से चुनाव बहिष्कार का निर्णय लेना पडा है।उन्होने बताया कि पूर्व में इन तीन वार्डों के लोगों ने उपायुक्त कांगड़ा व सरकार को लिखित में पंचायत के पुर्नगठन के बारे में पत्राचार किया था, जिसमें सरकार को बताया था कि कलरू गांव व अन्य गावों की पंचायत घर परगोड की दूरी 9 से 13 किलोमिटर दूर है, जिस बजह से पंचायत के विकास कार्य इन वार्डों में नहीं हो पाते है,साथ ही सरकारी योजनाओं का लाभ भी पंचायत के तीन वार्डों तक नहीं पंहुच पाता है,लेकिन सरकार व प्रशासन के उदासीन रवैये के कारण पंचायत का पूर्ण गठन नहीं हो पाया।
लोगों ने बताया कि 2015-16 पंचायत में दूसरा पंचायत घर बनाने के लिए 15 लाख रूपये मंजूर हुए थे व पंचायती राज अधिकारियों की टीम निरिक्षण करके परगोड में पंचायत घर बनाने के लिए जमीन का निरिक्षण करके गई थी जो कि निरिक्षण तक ही सिमट कर रह गया। उसके उपरांत कोई कार्रवाई नहीं की गई। पंचायत के सभी लोगों को यहां पंचायत घर बनने से लाभ मिलना था।
पंचायत के विभाजन का भी अधिकारियों ने अश्वासन दिया था जो आश्वासन तक सिमित रहा।लोगों ने बताया कि परगोड में एक पशु चिकित्सालय खोला गया था उसे भी यहां से उठाकर गुब्बर में स्थानांतरित कर दिया गया, जहां से दो किलोमिटर की दूरी पर मनेई व हारचक्कियां में पहले से पशु चिकित्सालय मौजूद है।
लोगों ने बताया कि 30 से 35 साल पहले से परगोड के लिए दो सरकारी बसे चलती थी,जिन्हें 10 साल पहले बंद कर दिया गया।लोगों के अथक प्रयास के बाद 2017 में फिर से 32 मील से परगोड बस सेवा चलाई गई, लेकिन 2018 में उसे फिर से बंद कर दिया गया,जिसकी शिकायत प्रशासन से लेकर मुख्यमंत्री हेल्पलाइन तक की गई,लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो पाई।
लोगों का कहना है कि गांव के लिए एक भी श्मशान घाट नहीं है न ही कोई सामुदायिक भवन है जिसकी बजह से छोटा से छाेटा प्रोग्राम करने पर कठिनाईंयो का सामना करना पडता है।
लोगों ने बताया कि इन तीन वार्डों में मनरेगा के तहत किसी भी प्रकार के विकास कार्य नहीं करवाए गए है व जो थोडे बहुत कार्य हुए है व वित्त आयोग के पैसे के करवाए गए है।
लोगों के अनुसार 2016 में सिद्ध गोरिया मंदिर के सौंदर्यीकरण के लिए 16 लाख रूपये मंजूर हुए थे लेकिन उस पैसे में से सिर्फ 10×10 फूट का शेड बनाया गया है,शेष पैसे खर्च नहीं किए गए।
लोगों ने कहा कि हारचक्कियां सव तहसील से चलांई गांव तक सडंक है उसके बाद नेरा नगरेटा,सुरदयाल से खोला तक तीन किलोमिटर सड़क का सर्वे किया गया जो सर्वे तक सिमित रहा है ।इसी तरह वासा, वेरियां,लेडा सड़क का कार्य भी सर्वे से आगे नहीं वड पाया है जिसकी बजह से क्षेत्र की 80 प्रतिशत से ज्यादा लोग पक्के रास्तों व सड़क से वंचित है, जिसका खमियाजा इन वार्डों के लोग भुगत रहे है।वरियाम सिंह,वलजीत सिंह,अनुप कुमार, मिल्कियत सिंह,मदन लाल, रवि कुमार, रविंद्र कुमार,मलूक सिंह,ग्यान सिंह,फंगण राम,वलदेव सिंह, महिंद्र सिंह, रोशन लाल,राजेंद्र सिंह,श्रवण सिंह, संजय कुमार,वलवीर सिंह, अजय कुमार,विक्रम. मेहता, देवराज,राकेश कुमार, अमीचंद,हरदयाल वार्ड सेे उम्मीदवार है ।