शासन व प्रशासन करे गरीबो का रोजगार बहाल-पिंकी शर्मा

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आवाज़ ए हिमाचल

            अभिषेक मिश्रा बिलासपुर

03 सितम्बर । बिलासपुर में निर्माणाधीन एम्स अस्पताल में दिहाड़ी पर काम कर रहे पढ़े लिखे गरीब बच्चो को बिना नोटिस बिना वेतन के निकाल दिया गया है । इस बारे में जानकारी देते हुए समाजसेवी पिंकी शर्मा ने कहा शिक्षा प्राप्त करने के बाद जब सरकारी क्षेत्र में रोजगार नही मिला तो एम्स बिलासपुर में ईगल टेक कम्पनी में मजदूरी करने लगे दो यूवा करोना महामारी पड़ने से दीप कुमार निवासी कडोह झंडूता निवासी ने बताया कि मैने ग्रेजुएशन की है और आई टी आई में फिटर मैकेनिकल का डिप्लोमा किया है जब सरकारी क्षेत्र में रोजगार नही मिला तो एम्स बिलासपुर में मध्य प्रदेश की कम्पनी ईगल टेक में बतौर मजदूर काम करने लगा कम्पनी की ओर से 290 रुपये दिहाड़ी दी जाती रही तथा सुबह 9 बजे से शाम 6 बजे तक काम करवाते रहे जिसमे रविवार की कोई छूटी नही दीप कुमार ने कहा कि मैने गलती से कुछ दिन पहले कम्पनी प्रभारी को दिहाड़ी बढ़ाने के लिए कहा था वो उस बात पर गुस्से हो गए थे दुर्भाग्य से दीप कुमार की दादी घर पर बीमार चल रही थी और जब क्रोना टेस्ट हुआ तो दादी क्रोना पोजटिव आ गई जिसमें सरकार की प्रोटोकॉल अनुसार हमे कोर्टाइन होना पड़ा और मैं काम पर नही आ सका और जब मैं 20 दिन बाद काम पर आया तो मुझे काम करने से मना किया गया और कहा कि आपको काम से निकाल दिया गया है काम से हटाने का मुझे कोई नोटिस आदेश नही दिए गए और न ही नोटिस वेतन दिया गया।

दीप कुमार का कहना है कि मैने कम्पनी प्रभारी को अपनी गरीबी के बारे में कहा कि हमे अगर रोजगार नही मिलेगा तो परिवार का पालन पोषण करना मुश्किल हो जाएगा मैने सरकार के दिशा निर्देश क्रोना प्रोटोकॉल का पालन किया है कम्पनी की ओर से प्रभारी द्वारा दुर्व्यवहार किया गया व कहा गया कि हम नही जानते क्या होता है प्रोटोकॉल हमे तो काम से मतलव है हम आपको रोजगार नही दे सकते । यही नही गांव मंडी मानवा का अक्षय कुमार जिसने ग्रेजुएशन की है व सरकारी संस्थान आई टी आई बिलासपुर से हिंदी स्टेनो का डिप्लोमा किया है इसके अलावा नेशनल जूनियर व सीनियर हेंड बॉल खिलाड़ी रहा है । खेल के क्षेत्र में बहुत मेडल हासिल किए है रोजगार के लिए दर दर की ठोकरे खाने के बावजूद जब कहीं भी सरकारी क्षेत्र में रोजगार नही मिला तो अक्षय कुमार भी एम्स निर्माण में ईगल टेक कम्पनी में बतौर मजदूर 290 रुपये में काम करने लगा अक्षय कुमार के साथ भी ऐसी ही घटना घटी अक्षय के पिता करोना पोजटिव हुए और अक्षय को भी कोर्टाइन होना पड़ा जब 15 दिन के बाद स्वस्थ्य विभाग के निर्देश अनुसार काम पर गया तो कम्पनी प्रभारी की ओर से दुर्व्यवहार किया गया व काम से निकाल दिया गया ।

पिंकी शर्मा ने कहा कि एम्स गेट पर तो नारे लगाने के लिए समाजसेवी संस्थाएं मजदूरो को व बेरोजगारों को बुला लेते है और हड़ताल बन्द करवाने के लिए भी प्रसासनिक अधिकारी अस्वासन देकर वापिस जिला मुख्यालय आ जाते है क्या कभी किसी प्रसासनिक अधिकारी या ट्रेड यूनियन या सामाजिक संस्थाओ ने एम्स निर्माण के कार्यलय या साइड पर किसी मजदूर को पूछा कि आपका वेतन कितना है दफ्तरों में बोर्ड तो नियम का पालन कर रहे है परन्तु मजदूरो का जो शोषण हो रहा है उसको भी तो देखना चाहिए । सभी समाजसेवी संस्थाएं व प्रशासन 70 % रोजगार की वकालत करे बेरोजगारों के हित की बात करे तथा क्रोना की प्रोटोकॉल का पालन करने की वजह से छीने गए रोजगार को बहाल करवाये व दीप कुमार व अक्षय कुमार को रोजगार दिलवाए। अन्यथा वह संघर्ष करने के लिए मजबूर हो जाएगी जिसकी सारी जिम्मेवारी जिला प्रशासन की होगी ।

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