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अभिषेक मिश्रा, बिलासपुर। शिमला-मटौर फोरलेन को धरातल पर उतारने में तेजी आने लगी है। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने शालाघाट-तारादेवी डबललेन विद पेव्ड शोल्डर मार्ग का सर्वे पूरा कर लिया है। यह मार्ग 55 गांवों से होकर गुजरेगा। संबंधित एजेंसी ने 27 किलोमीटर लंबे डबल लेन को डिजाइन करना शुरू कर दिया है। मार्च में इसके टेंडर आमंत्रित किए जाएंगे। इस सड़क की डीपीआर बनने पर ही लागत का पता चलेगा। उसके बाद भूमि अधिग्रहण का कार्य होगा। इसी तरह 2600 करोड़ की लागत से बनने वाले नौणी-शालाघाट फोरलेन का टेंडर भी अगले महीने के अंत तक दिल्ली में आमंत्रित होगा। यह फोरलेन बनने पर इसकी नौणी से शालाघाट तक की 31 किलोमीटर दूरी रहेगी। फोरलेन एम्स से होकर गुजरेगा और एम्स के पास भी यह फोरलेन ही बनेगा।
इस बारे में एनएचएआई की एम्स प्रशासन से बात हो गई है। पहले कयास लगाए जा रहे थे कि एम्स के पास फोरलेन की चौड़ाई कम होगी। इसी तरह कांगड़ा से रानीताल (भंगवार) फोरलेन का कार्य भी गाबर कंपनी ने बीते 29 दिसंबर से शुरू कर दिया है। इस पैकेज का 1,100 करोड़ का टेंडर अवार्ड हुआ है। भूमि अधिग्रहण को मिलाकर इस पर 1,323 करोड़ रुपये खर्च होंगे। कंपनी को यह कार्य दो साल में पूरा करना होगा। शिमला-मटौर फोरलेन के परियोजना निदेशक विक्रम मीणा ने बताया कि शालाघाट-तारादेवी सड़क का टेंडर मार्च तक और नौणी-शालाघाट फोरलेन का टेंडर फरवरी के अंत तक दिल्ली में आमंत्रित होगा। पैकेज 5बी का कार्य संबंधित कंपनी ने शुरू कर दिया है, जोकि दो साल में पूरा करना होगा।