शक्तियां छीनने पर भडक़ उठे डाक्टर, सीनियोरिटी लिस्ट न बनने पर भी जताया रोष

Spread the love

आवाज़ ए हिमाचल 

सुंदरनगर। प्रदेश चिकित्सक अधिकारी संघ की प्रमुख कार्यकारिणी समिति की बैठक डाक्टर राजेश राणा की अध्यक्षता में ऑनलाइन माध्यम से आयोजित की गई। बैठक में संघ ने मेडिकल कालेज में नियुक्त वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक की शक्तियां छीन लेने पर रोष प्रकट किया है। संघ का कहना है कि एक चिकित्सक को वरिष्ठ अधीक्षक नियुक्त होने के लिए 25 से 30 वर्ष का कार्यकाल लगता है, लेकिन यदि वह अपने अधीनस्थ कर्मचारियों को छुट्टी भी न दे पाए, तो उस प्रोमोशन का क्या औचित्य रह जाता है। स्वास्थ्य विभाग कई वर्षों से चिकित्सकों की सीनियारिटी लिस्ट बनाने में असमर्थ रहा है। वहीं दूसरी ओर सीनियोरिटी लिस्ट न बनने पर कई खंड चिकित्सा अधिकारियों, ज्वाइंट डायरेक्टरों, डिप्टी डायरेक्टरों और डायरेक्टर ऑफ हैल्थ सर्विसेज की रेगुलर नियुक्तियां नहीं हो पाई हैं। एक चिकित्सक 25 से 30 साल कार्य करने के बाद खंड चिकित्सा अधिकारी बनता है और हमारे खंड चिकित्सा अधिकारियों के पद 100 से भी कम है। इस संदर्भ में चिकित्सकों का एश्योर्ड करियर प्रोग्रेशन स्कीम के तहत दिए जाने वाला 4-9-14 का मानदेय भी छीन लिया गया है।

बैठक में डाक्टर राजेश राणा ने कहा कि प्रदेशभर में अनुबंध पर नियुक्त कर्मचारियों और अधिकारियों को 150 प्रतिशत मानदेय प्रदान किया गया। वहीं प्रदेश भर में कुछ चिकित्सकों को यह देय प्रदान नहीं किया गया। यह देय राशि मंडी, कांगड़ा ऊना, सिरमौर जिला के कुछ चिकित्सकों को नहीं दी गई। एक ही साथ नियुक्त चिकित्सकों को अलग-अलग वेतन देना एक विडंबना का विषय है। संघ का कहना है कि प्रदेश भर में प्रतिवर्ष 800 से अधिक चिकित्सक बन रहे हैं, तो अन्य विभागों से स्वास्थ्य विभाग में नियुक्तियां शीघ्र रद्द की जानी चाहिए। स्वास्थ्य व्यवस्था को यदि और अधिक सुदृढ़ बनाना हो, तो स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग में चिकित्सक ही नियुक्त हों, तो यह सबसे बेहतर होगा। इस कड़ी में एड्स कंट्रोल सोसायटी में एडिशनल डायरेक्टर को प्रोजेक्ट डायरेक्टर का कार्यभार सौंपना और स्वास्थ्य निदेशक को भार मुक्त करना भी संघ को मंजूर नहीं है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *