आवाज़ ए हिमाचल
8 मार्च। चमोली की नीती घाटी में हजारों साल पहले भी ग्लेशियर टूटने और भारी भरकम चट्टानों के दरकने से प्राकृतिक आपदाएं आ चुकी हैं। वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी के वैज्ञानिकों के शोध में इस बात का खुलासा हुआ है। चमोली आपदा: शांति ने नहीं छोड़ी उम्मीद, आज भी कर रही जल प्रलय में लापता पति का इंतजारनीती घाटी में पिछले माह आई प्राकृतिक आपदा के बाद अध्ययन में जुटे वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी के वैज्ञानिक धौलीगंगा और ऋषिगंगा नदियों के अवसादों का अध्ययन करने के बाद इस नतीजे पर पहुंचे हैं कि इस तरह की प्राकृतिक आपदाएं पहले भी आ चुकी हैं।
नीती घाटी में आई प्राकृतिक आपदा पहली घटना नहीं। संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. एसके राय के अनुसार पिछले माह नीती घाटी में आई प्राकृतिक आपदा पहली घटना नहीं है। नीती घाटी में इस तरह की आपदाएं पहले भी आ चुकी हैं, लेकिन उस समय नदियों पर हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट और उच्च हिमालयी क्षेत्रों में आबादी नहीं होने से इन घटनाओं के बारे में ज्यादा पता नहीं चला।