आवाज ए हिमाचल
अभिषेक मिश्रा, बिलासपुर। आज राजस्व अधिकारियों और कर्मचारियों के एक सामूहिक वीडियो कांफ्रेंस के दौरान प्रदेश सरकार द्वारा विधान सभा में नये राजस्व विधेयक के ऊपर अन्तिम मुहर लगाने से पहले चर्चा की। सरकार से आग्रह किया कि राजस्व विधेयक पर अन्तिम मुहर लगाने से पहले आधे से ज्यादा खाली पदों को भरने पर मुहर लगाई जाए। पुरे प्रदेश में सभी राजस्व अधिकारी और कर्मचारी गधों की तरह काम कर रहे हैं। उच्च पदों पर बैठे राजस्व अधिकारी खुद भी और अधीनस्थ कर्मचारी भी रात 9 बजे तक अपने घरों में नहीं पहुंच पाते हैं। सिर्फ राजस्व विभाग के अधिकारी और कर्मचारी ही अक्सर जनता और राजनीतिज्ञों के निशाने पर क्यों रहते हैं। सिर्फ इसलिए क्योंकि राजस्व विभाग जमीन से जुड़ा हुआ विभाग है। सिंचाई, लोक निर्माण, वन, योजना, परियोजना, उद्योग, कृषि इत्यादि सभी विभाग राजस्व विभाग के ऊपर निर्भर रहते हैं। हाल ही में मंत्रीमंडल से पास हो चुका राजस्व विधेयक राजस्व विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों को नकेल डालने के इरादे से पारित हुआ है. लेकिन अभी तक विधान सभा की अन्तिम मुहर इसमें लगना बाकि है।
एक दशक पहले राजस्व विभाग के अन्दर होने वाले हर कार्य को एक निश्चित समयावधि के अन्दर निपटाया जाता था लेकिन आज प्रमाण पत्र, 1100 शिकायत पोर्टल, स्वामित्व का आबादी देह पोर्टल, प्रोटोकॉल, कानून और व्यवस्था, चुनाव और गणना, निशान देही और तकसीम के मामले बहुत ज्यादा होने की वजह से मौका गिरदावरी, दाखला जमाबंदी, लाल किताब, फरद् बाछ, ढाल बाछ, सरकारी भूमि पर कब्जा नाजायज के मामलात और जलसा आम में होने वाले इंतकाल आदि महत्वपूर्ण कार्यों की अनदेखी सी होती जा रही है। साथ ही राजस्व सम्बंधी कार्य ऑन लाइन हो जाने की वजह से लोग सीधा शिमला से फोन करवाते हैं या राजनीतिज्ञों की ट्रांस्फर् करने की धमकी मिलना शुरू हो जाती है। परिणामस्वरूप कुछ गरीब लोग या आम आदमी के कार्य साल दर साल लम्बित चलते रहते हैं और प्रभावशाली, कब्जाधारी या बाहुबली प्रजाति के लोग एन केन प्रकारेण अपना काम करवा लेते हैं। राजस्व विधेयक का हम स्वागत करते हैं लेकिन निम्न बातों का ध्यान भी रखा जाए.
1. अन्य प्रदेशों की तरह सब रजिस्ट्रार् के पदों का आवश्यकता के अनुसार अलग से सृजन किया जाए।
2. हर उप मण्डल में एक तहसीलदार पेशी का पद भी सृजित किया जाए।
3. राजस्व सम्बंधी कार्यों की समयावधि निश्चित की जाए. कितने समय मे कितना कार्य संपन्न किया जाए।
4. राजस्व अधिकारियों एवम कर्मचारियों को शीघ्र वार्ता के लिए बुलाया जाए।
इस समय प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुखु जी बहुत ही बेहतर ढंग से कार्यों का निष्पादन कर रहे हैं। हमें विश्वास है कि आपदा के दौर में एक सजग प्रहरी के रूप में सरकार के साथ कन्धे से कन्धा मिला कर सेवाएं देने वाले राजस्व अधिकारियों और कर्मचारियों को किसी अन्धे कानून का विरोध करने पर मज़बूर नहीं करेंगे।
इस कॉन्फ्रेंस के दौरान प्रदेश राजस्व अधिकारी महासंघ के अध्यक्ष जयगोपाल शर्मा, महासचिव एच एल घेजटा, प्रदेश पटवार् कानूनगो अध्यक्ष सतीश चौधरी, महासचिव चंदरमोहन, सुनील जोशी, तथा तहसीलदार नरैण् वर्मा, अपूर्व शर्मा, मुलतान बन्याल, DRO संजीत शर्मा, संजीव प्रभाकर, मित्र देव, वेद प्रकाश, पवन ठाकुर, सार्थक शर्मा, रमेश कुमार, डॉक्टर गणेश, डॉक्टर मुकुल, पवन ठाकुर, रमन ठाकुर,शीश राम, विपिन वर्मा, राजेश जरयाल, हुसन चौधरी, श्रीमती सुरभि नेगी, भूपेन्द्र कश्यप, मेघना गोस्वामी, अनुजा शर्मा, धरम पाल नेगी, नरेंद्र शर्मा आदि उपस्थित थे।