विश्व बैंक ने हिमाचल प्रदेश में 3000 करोड़ के नए प्रोजैक्टों को दी सैद्धांतिक मंजूरी

Spread the love

आवाज़ ए हिमाचल
 

शिमला। विश्व बैंक ने हिमाचल प्रदेश में 3000 करोड़ के नए प्रोजैक्टों को सैद्धांतिक मंजूरी प्रदान की है। इसके अलावा बैंक ने प्रदेश के लिए 2500 करोड़ रुपए के ग्रीन रैजीलिएंट इंटीग्रेटिड प्रोग्राम में विशेष रुचि दिखाई है, जिसे बढ़ाया भी जा सकता है। बैंक की इस पहल से 2025 तक हिमाचल को हरित राज्य बनाने में मदद मिलेगी। सोमवार को दक्षिण एशिया क्षेत्र के क्षेत्रीय निदेशक (सतत विकास) जॉन रूमे के नेतृत्व में 10 सदस्यीय विश्व बैंक की टीम ने पहले प्रदेश के प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक की तथा विश्व बैंक की सहायता से पहले चल रहे प्रोजैक्टों की समीक्षा की। इस दौरान टीम ने अधिकारियों को कार्यों को समय पर पूरा करने की हिदायत दी।

विश्व बैंक के सहयोग से हिमाचल में 5 प्रोजैक्टों का कार्य चल रहा है। इसके अलावा 3 प्रोजैक्ट पाइप लाइन में हैं। इन प्रोजैक्टों पर चर्चा की गई। इसके अलावा 6 नए प्रोजैक्टों पर भी मंथन किया गया। इसके बाद मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बैंक की टीम के साथ बैठक की तथा इस दौरान प्रदेश को 2025 तक हरित ऊर्जा राज्य बनाने की अवधारणा पर चर्चा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार इलैक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहित कर रही है तथा प्रथम चरण में आगामी वर्ष तक अधिकतम विभागों में इलैक्ट्रिक वाहनों का प्रयोग किया जाएगा। इस अवसर पर मुख्य संसदीय सचिव संजय अवस्थी, मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे। बैठक में भाग लेने के लिए मुख्यमंत्री विशेष तौर से नादौन से शिमला पहुंचे और भाग लेने के बाद वापस लौट गए।

वर्ष 2024 तक 500 मैगावाट सौर ऊर्जा दोहन का लक्ष्य : मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने आगामी 9 महीनों में 200 मैगावाट सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। राज्य सरकार वर्ष 2024 के अंत तक 500 मैगावाट सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने के लिए भूमि अधिग्रहण पर कार्य कर रही है।

ग्रीन हाईड्रोजन के उत्पादन के लिए इंडियन आयल से परामर्श लेगी सरकार

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार राष्ट्रीय हरित हाईड्रोजन ऊर्जा मिशन की तर्ज पर प्रदेश में वृहद स्तर पर उत्पादन से लेकर उपयोग तक की कार्यप्रणाली पर कार्य कर रही है। हालांकि ग्रीन हाईड्रोजन के उत्पादन की तकनीक महंगी है, लेकिन सरकार इस संबंध में इंडियन ऑयल कार्पोरेशन से परामर्श लेगी जो भारत में ग्रीन हाईड्रोजन आर्थिकी के लिए अग्रणी कदम उठा रही है। प्रदेश सरकार राज्य में कार्बन डाईऑक्साइड को घटा कर प्रदेश को प्रथम प्रदूषण रहित राज्य बनाने के लिए प्रयासरत है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *