आवाज ए हिमाचल
25 मई। कैबिनेट की बैठक में विधायकों को गाड़ी पर झंडी लगाने की सैद्धांतिक मंजूरी भी दे दी गई है। यह मंत्रियों की झंडी से अलग होगी। इसमें तिरंगा नहीं लगाया जा सकेगा। प्रदेश विधानसभा सचिवालय तय करेगा कि विधायकों के लिए झंडी कैसी होगी। विधायकों को झंडी देने के साथ सरकार ने कोरोना के एक्टिव मामलों पर निगरानी रखने की भी जिम्मेदारी दी है। इसके लिए कैबिनेट में कमेटी का गठन किया गया है।
कमेटी में प्रधान, पंचायत सचिव और एनजीओ का एक व्यक्ति शामिल किया जाएगा। विधायक कमेटी का अध्यक्ष होगा। हर सप्ताह जिला स्तर पर बैठकें होंगी। एसडीएम को भी दो सप्ताह में एक बार बैठक में आना अनिवार्य किया है। विधायक हर बैठक में उपस्थित रहेंगे। हिमाचल प्रदेश में बहुप्रतीक्षित झंडी हासिल करने के लिए कुछ विधायकों ने खूब मेहनत की। इनमें से कई बार-बार इस बात को दोहराते रहे कि अगर मुख्य सचिव, अतिरिक्त मुख्य सचिव जैसे बड़े अधिकारी अपनी गाड़ियों में झंडी ले सकते हैं तो वे क्यों नहीं, जबकि प्रोटोकॉल में तो विधायक उनसे ऊपर हैं।
करीब डेढ़-दो साल पहले इन विधायकों को गाडि़यों में लगाने के लिए बड़े स्टिकर भी दिए गए थे। विधायक जरूरी कार्यक्रमों में जाने के दौरान ट्रैफिक में अपनी गाडि़यां फंसने की बातें दोहराते रहे। कई विधायकों ने तो बत्ती छिन जाने के बाद झंडी हासिल करने के लिए लगातार दबाव बनाया। कोविड संकट के बीच विधायकों ने जयराम सरकार से आखिर अपनी बात मनवा ही ली। अब विधायक भी गाड़ी पर झंडी लगा सकेंगे। प्रदेश विधानसभा सचिवालय तय करेगा कि झंडी कैसी होगी। सोमवार को कैबिनेट ने इसके लिए सैद्धांतिक मंजूरी दे दी।