विधानसभा परिसर के बाहर हुआ जमकर हंगामा

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आवाज़ ए हिमाचल

10 दिसंबर। शीत सत्र के बाद सवर्ण आयोग के गठन की मांग को लेकर विधानसभा परिसर तपोवन से करीब एक किलोमीटर पीछे जोरावर स्टेडियम में प्रदेशभर से सैकड़ों लोग एकत्रित हुए। विधानसभा परिसर का घेराव करने की कोशिश की गई। प्रदर्शनकारियों ने बैरिकेड्स तोड़ दिए और तपोवन विधानसभा परिसर के बाहर पहुंच गए। कुछ प्रदर्शनकारियों ने विधानसभा परिसर के भीतर घुसने की कोशिश की। अग्निशमन विभाग की गाड़ियों को भी नुकसान पहुंचाया। इसके बाद पुलिस और अग्निशमन विभाग के कर्मियों ने प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए पानी की बौछार की । प्रदर्शनकारियों ने पत्थरबाजी शुरू कर दी जिसमें कुछ लोग घायल हो गए हैं।

जिस दौरान डीजीपी और डीसी की गाड़ियों का भी घेराव कर लिया गया। डीजीपी संजय कुंडू और डीसी कांगड़ा निपुण जिंदल कुछ देर के लिए भीड़ के बीच फंसे रहे। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने प्रदर्शनकारियों से बात की लेकिन वे सवर्ण आयोग की घोषणा पर अड़े रहे। सीएम ने बजट सत्र का वक्त मांगा लेकिन प्रदर्शनकारी नहीं माने। विधानसभा में पूरी सरकार के बंधक बनने जैसे हालात paida ho gye हैं। विधानसभा से बाहर जाने वाला एक ही रास्ता है जो प्रदर्शनकारियों के कब्जे में है। इसके बाद हालात बिगड़ते देख मुख्यमंत्री ने विधानसभा में तीन महीने में सामान्य जाति आयोग गठन की विधानसभा में की घोषणा।

इससे पहले मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि सिर्फ मध्य प्रदेश में सवर्ण आयोग है। सरकार ने प्रदेश में गठन के आयोग को स्वीकार किया है। एक्ट का प्रावधान करके सवर्ण आयोग का गठन किया जाएगा। प्रदर्शनकारयों के पथराव में एएसपी की गाड़ी और एंबुलेंस के शीशे टूट गए। फिलहाल मौके पर स्थिति तनावपूर्ण हो गई है। दोनों तरफ टकराव की स्थिति बन गई है। करीब दस हजार प्रदर्शनकारी विधानसभा परिसर के बाहर जुटे हुए हैं। मुख्य सचिव रामसुभग सिंह प्रदर्शनकारियों से बात करने पहुंचे लेकिन बात नहीं बनी। इससे पहले पुलिस बल ने प्रदर्शनकारियों को जोरावर स्टेडियम से आगे नहीं जाने दिया।

सवर्ण समाज ने मांग रखी कि जब तक प्रदेश सरकार सवर्ण आयोग का गठन नहीं करेगी, तब तक वे यहीं पर धरना प्रदर्शन करेंगे। इसके अलावा उन्होंने हर की पौड़ी हरिद्वार से लाए गंगाजल से प्रदेश के सभी विधायकों का शुद्धिकरण करने की बात कही। सवर्ण समाज के लोग इस बात पर अड़े रहे कि या तो वे विधानसभा में जाकर सभी विधायकों का शुद्धिकरण करेंगे या फिर मुख्यमंत्री सहित सभी विधायकों को जोरावर स्टेडियम में शुद्धिकरण के लिए आना होगा। ऐसा न करने की स्थिति में उन्होंने जोरावर स्टेडियम से धरना प्रदर्शन को बंद नहीं करने की चेतावनी दी।

 

 

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