आवाज़ ए हिमाचल
शिमला। हिमाचल विधानसभा चुनाव में भले ही भाजपा सत्ता पर काबिज न हो पाई हो, लेकिन चुनाव जीतने के लिए पार्टी ने पूरी ताकत झोंक दी थी। भाजपा ने इस बार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस से ज्यादा खर्च किया है। इतना ही नहीं प्रचार पर सबसे ज्यादा खर्च करने वाले पहले तीन नाम भी भाजपा विधायकों के ही हैं। चुनाव में भाजपा ने तय बजट के मुकाबले 72.2 प्रतिशत धनराशि खर्च की है, जबकि कांग्रेस ने 57.2 प्रतिशत धनराशि चुनाव प्रचार पर खर्च की। चुनाव आयोग ने 40 लाख रुपए अधिकतम चुनाव खर्च निर्धारित किया था। कांग्रेस के 40 विधायकों का औसतन चुनाव खर्च 22 लाख से ज्यादा रहा है, जबकि भाजपा के 24 विधायकों ने 28 लाख रुपए औसतन खर्च किए हैं। तीन निर्दलीय विधायक भी चुनाव जीते हैं और इन विधायकों ने प्रचार पर 20 लाख रुपए से ज्यादा की धनराशि खर्च की है। जो तय बजट का 52.2 प्रतिशत है। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉम्र्स की रिपोर्ट में इस बारे खुलासा हुआ है। प्रचार पर सबसे ज्यादा खर्च करने वाले टॉप टेन विधायकों में आठ भाजपा के हैं। इनमें चौपाल से बलवीर वर्मा ने 36 लाख 92 हजार रुपए खर्च किए हैं। वह तय बजट का 92 प्रतिशत खर्च करने के साथ पहले स्थान पर हैं।
सुलह से विपिन परमार ने 36 लाख 36 हजार रुपए खर्च होने का हिसाब चुनाव आयोग को दिया है। इसके साथ ही वे दूसरे स्थान पर काबिज हो गए हैं। पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर 35 लाख 34 हजार रुपए के चुनाव खर्च के साथ तीसरे, जयसिंहपुर से कांग्रेस के विधायक यादवेंद्र गोमा 33 लाख 43 हजार रुपए के साथ चौथे, धर्मशाला से सुधीर शर्मा 33 लाख छह हजार के साथ पांचवें, ऊना से सतपाल सत्ती 32 लाख 90 हजार के साथ छठे, दीपराज करसोग 32 लाख 26 हजार के साथ सातवें, रणवीर सिंह निक्का नूरपुर 32 लाख 24 हजार के साथ आठवें, पवन काजल 31 लाख 68 हजार के साथ नौंवे, जबकि सुरेंद्र शौरी बंजार 31 लाख 57 हजार के साथ दसवें स्थान पर हैं।
उधर विधानसभा चुनाव में प्रचार पर सबसे कम धन खर्च करने वालों में सबसे ऊपर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू हैं। मुख्यमंत्री ने नादौन विधानसभा क्षेत्र से 11 लाख 25 हजार रुपए प्रचार पर खर्च किए हैं। चंबा के नीरज नैय्यर ने 12 लाख सात हजार, ऊना के कुटलैहड़ से देवेंद्र कुमार ने 14 लाख 47 हजार, शाहपुर से केवल सिंह पठानिया ने 15 लाख 17 हजार, देहरा से निर्दलीय होशियार सिंह ने 16 लाख 27 हजार, कुसुम्पटी से अनिरूद्ध सिंह ने 16 लाख 61 हजार, चिंतपूर्णी से सुदर्शन सिंह बबलू ने 16 लाख 93 हजार, शिमला शहरी से हरीश जनार्था ने 17 लाख 14 हजार, भोरंज से सुरेश कुमार ने 17 लाख 50 हजार, रोहडृू से मोहन लाल ब्राक्टा ने 18 लाख पांच हजार रुपए खर्च किए हैं। खास बात यह है कि सबसे कम खर्च करने वाले विधायकों में दस में से नौ कांग्रेस के हैं, जबकि एक निर्दलीय है। इनमें भाजपा का कोई भी विधायक शामिल नहीं है।