आवाज़ ए हिमाचल
शिमला, 11 मार्च। प्रदेश सरकार ने राज्य में इंटरग्रेटिड ड्रग प्रिवैंशन पॉलिसी-2022 लागू कर दी है, ऐसे में शिक्षण संस्थानों को पॉलिसी के तहत दिए गए दिशा-निर्देशों पर उचित कदम उठाने को कहा गया है। सरकार ने इसमें कई नए प्रावधान किए हैं। इसके मुताबिक अब शिक्षण संस्थानों में दाखिला लेते समय विद्यार्थियों को नशा न करने और इससे दूर रहने की अंडरटेकिंग देनी होगी।
छात्रावास सहित शिक्षण संस्थानों के परिसर को नशामुक्त क्षेत्र घोषित करना अनिवार्य किया गया है। इस दौरान यदि विद्यार्थी किसी भी नशीले पदार्थ का सेवन करते और इस तरह की गतिविधियों में पकड़े गए तो उन्हें संस्थानों से निष्कासित किया जाएगा। इसके साथ ही उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई भी होगी।
शिक्षण संस्थानों में इस दौरान एंट्री ड्रग क्लब बनाने होंगे। क्लब के सदस्य शिक्षण संस्थानों में विद्यार्थियों को नशामुक्त करने के लिए जागरूकता कार्यक्रम करवाएंगे। एनसीसी कैडेट्स, एनएसएस स्वयंसेवी, शिक्षक, अभिभावक और स्कूल प्रबंधन समिति के सदस्यों को मामले में एक योजना तैयार करनेे को कहा गया है।
मामले में शिक्षण संस्थान पुलिस विभाग का भी सहयोग ले सकते हैं। इसके साथ ही शिक्षण संस्थानों में सर्वे भी किया जाएगा। इसमें नशा करने वाले विद्यार्थी चिन्हित होंगे और उनकी काऊंसलिंग की जाएगी, साथ ही अभिभावकों को उनका मेडिकल ट्रीटमैंट करवाने का सुझाव भी दिया जाएगा। शिक्षण संस्थानों को परिसर में समय-समय पर नशे से दूर रहने के विषय को लेकर संबंधित विशेषज्ञ डाक्टरों को बुलाकर सैमीनार व विभिन्न प्रतियोगिताएं करवाने के निर्देश भी दिए हैं।
प्रदेश सरकार ने पुस्तकालय अध्यक्ष काॅलेज संवर्ग के खाली पड़े पदों को भरने की तैयारी शुरू कर दी है। इस कड़ी में सरकार ने शिक्षा विभाग से उक्त खाली पड़े पदों का ब्यौरा मांगा है, ऐसे में विभाग द्वारा काॅलेजों को 2 दिन में यह सूचना देने को कहा गया है।