आवाज़ ए हिमाचल
शिमला। पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने अपने कार्यकाल के दौरान किसी भी राष्ट्रीय राजमार्ग का निरीक्षण नहीं किया और न ही इनके शीघ्र निर्माण और विस्थापितों को मुआवजा देने की मांग की गंभीरता से वकालत की। अब वह केवल सुर्खियां बटोरने के लिए कीरतपुर-नेरचौक फोरलेन का निरीक्षण कर रहे हैं। लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा है कि केंद्र सरकार ने राज्य के लिए 67 हजार करोड़ रुपए लागत के 68 राष्ट्रीय राजमार्गों की घोषणा की थी। पिछले पांच वर्षों के दौरान जयराम ठाकुर ने मुआवजा और भूमि अधिग्रहण के मामलों को केंद्र के समक्ष प्रस्तुत नहीं किया। कीरतपुर-नेरचौक नेशनल हाईवे के काम में तेजी लाने के लिए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से कई बार मुलाकात की।
जयराम लोकसभा चुनावों के दृष्टिगत इन प्रोजेक्ट्स का श्रेय लेने का प्रयास कर रहे हैं, जबकि उन्होंने लोगों की मांगों को हमेशा अनदेखा किया है। उन्होंने कहा कि सत्ता में रहते हुए भाजपा सरकार फोरलेन और राष्ट्रीय राजमार्गों के अधिग्रहण के लिए फैक्टर फॉर्मूला लागू करने के लिए पूरी तरह से विफल रही। दूसरी ओर मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने यह सुनिश्चित किया है कि विस्थापितों को पर्याप्त मुआवजा प्रदान किया जाए। उन्होंने 15 दिन के भीतर समीक्षा कर प्रभावितों को लगभग 1200 करोड़ रुपए मुआवजा वितरित करना सुनिश्चित किया।