आवाज ए हिमाचल
04 सितंबर।आपदा से सबक लेते हुए ढली से सैंज तक बनने वाला फोरलेन अब आधुनिक तकनीक से तैयार किया जाएगा। लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने बताया कि इस फोरलेन में पहाड़ों का कटान नहीं होगा, बल्कि यह सुरंगों और पुलों से होकर गुजरेगा। जहां आवश्यकता होगी, वहां वैज्ञानिक तकनीक का उपयोग किया जाएगा। इसकी डीपीआर में इस प्रावधान को शामिल किया गया है। इस परियोजना पर करीब 1452 करोड़ रुपये खर्च होंगे।मंत्री ने कहा कि पिछले समय में कीरतपुर-मनाली फोरलेन का निर्माण ब्यास नदी के किनारे किया गया था, जहां कई स्थानों पर जमीन धंस रही है। पहाड़ 90 डिग्री एंगल पर काट दिए गए, जिसके चलते जगह-जगह भूस्खलन और मलबा गिरने से सड़क बंद हो रही है।उन्होंने बताया कि केंद्रीय भूतल एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने भी इस फोरलेन का निरीक्षण कर निर्माणाधीन कंपनी के कामकाज पर सवाल उठाए थे। हाल ही में आई प्राकृतिक आपदा से लोक निर्माण विभाग को 2300 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। सैकड़ों सड़कें टूट गईं और पुल ध्वस्त हो गए।वर्तमान में हिमाचल प्रदेश में 1638 सड़कें बंद हैं, जिनमें से 650 सड़कों को गुरुवार शाम तक खोलने का लक्ष्य रखा गया है। राहत एवं बहाली के लिए 810 मशीनें तैनात की गई हैं, जिनमें 170 डोजर और जेसीबी शामिल हैं।मंत्री ने कहा कि विधानसभा से केंद्र सरकार को हिमाचल को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने का प्रस्ताव भेजा गया है। उम्मीद जताई जा रही है कि प्रदेश को जल्द राहत पैकेज मिलेगा। साथ ही, उन्होंने कहा कि जीएसटी की दो दरें तय होने से हिमाचल को आर्थिक लाभ होगा।