विकासखंड नूरपुर के पंचायत प्रतिनिधियों ने मीटिंग कर 20 कामों के प्रतिबंध पर उठाए सवाल

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  • बैठक में सरकार के बनाए सिक्योर सिस्टम सॉफ्टवेयर को बताना त्रुटिपूर्ण
  • बोले- सभी पंचायत की ज्योग्राफिकल कंडीशन है अलग-अलग
  • काम पूरा होने पर भी साल साल भर पेमेंट नहीं आती खातों में
  • ग्राउंड पर पूरे हो चुके होते है आनलाइन शो

आवाज़ ए हिमाचल  

स्वर्ण राणा, नूरपुर। विकासखंड नूरपुर के पंचायत प्रतिनिधियों की एक बैठक आज नूरपुर में संपन्न हुई।बैठक में पंचायतों द्वारा किए जा रहे विकास कार्यों पर चर्चा की गई तथा विकास कार्यों में आने वाली समस्याओं पर भी विचार किया गया।
-मीडिया से बातचीत करते हुए प्रतिनिधियों ने कहा कि पिछले कुछ समय से पंचायतों के विकास कार्य ठप्प पड़े हैं जिसका कारण विभाग की तरफ से दी गई 60-40 की रेशो वर्क है तथा उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा बनाया गया सिक्योर सिस्टम सोफ्टवेयर भी त्रुटि पूर्ण है।उन्होंने बताया कि सभी पंचायतों की जियोग्राफिकल कंडीशन अलग अलग है।
वासा वज़ीरा पंचायत प्रधान उदय पठानियां ने बताया कि जसूर पंचायत की ज्योग्राफिकल कंडीशन आसान है तथा हाथी धार पंचायत की ज्योग्राफिकल कंडीशन बहुत ज्यादा टफ है और सिक्योर सिस्टम सॉफ्टवेयर सभी जगह की एक जैसी ही कंडीशन उठाता है।
उन्होंने बताया कि इसके साथ सरकार के आदेश के मुताबिक किसी भी पंचायत के 20 काम जब तक पूरे नहीं होते तब तक और काम नहीं दिए जाएंगे जोकि एक तानाशाही पूर्ण आदेश है।

उन्होंने कहा कि सभी पंचायतों के बीस काम पूरे हो चुके हैं मगर सरकार द्वारा उनकी पेमेंट्स खाते में 1 से डेढ़ साल तक नहीं डाली जाती है जिस कारण पिछले काम आनलाईन शो होते रहते हैं।
उन्होंने बताया कि सभी पंचायतें ग्राउंड पर खाली बैठी हैं तथा उनके पास विकास के लिए कार्य नहीं है।उन्होंने बताया कि पेमेंट्स न होने से पूरे हो चुके काम अभी भी आनलाइन शो हो रहे हैं।
इन पंचायत प्रतिनिधियों ने कहा कि सरकार द्वारा इस आदेश पर ध्यान नहीं दिया गया तो सभी पंचायत प्रतिनिधि अपनी अपनी मोहरें खण्ड विकास कार्यालय में जमा करवा देंगे और पंचायत कार्यालयों को ताले लगाकर बंद कर देंगे।
उन्होंने कहा कि पंचायतों में जब विकास कार्य ही नहीं होंगे तो वो सिर्फ कैरक्टर सर्टिफिकेट बांटने के लिए नहीं बैठे रहेंगे।

नवगठित पंचायत बासा के प्रधान ने मीडिया को बताया कि इनकी पंचायत इस बार नईं पंचायत बनीं है लेकिन लगभग 1 साल से सभी नवनिर्मित पंचायतों का कोड ही जनरेट नहीं हुआ है।ऐसे में अगर किसी परिवार को प्रधानमंत्री आवास योजना जैसे लाभ देने हो तो उसके लिए यह नवगठित पंचायतें कोड जनरेट न होने की वजह से मान्य ही नही है और इनकी मौजूदगी पुरानीं पंचायतों में ही दिखती है। उन्होंने कहा कि सरकार तानाशाही रवैया छोड़ कर इन त्रुटियों में सुधार करे ताकि सभी पंचायतों का समुचित विकास हो सके।

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