आवाज़ ए हिमाचल
03 फरवरी। वाहनों के फर्जीवाड़े के मुख्य आरोपित रणजीत सिंह कंग को फिर पुलिस रिमांड मिला है। मंगलवार को विजिलेंस ने उसे सोलन की एक कोर्ट में पेश किया, जहां से चार दिन के पुलिस रिमांड पर भेजा गया। अब विजिलेंस टीम फिर पंजाब जाएगी। वहां हिमाचल के वाहन मालिकों के आधार कार्ड के साथ की गई जालसाजी के पहलुओं की जांच करेगी। किसने और कैसे जालसाजी की, इसका पूरा पता लगाया जाएगा। रजिस्ट्रेशन लाइसेंसिंग अथॉरिटी यानी आरएलए की भूमिका भी जांची जाएगी।
आधार कार्ड के मालिक तो असली थे, लेकिन इनके पते पंजाब के दर्शाए गए। किसने जालसाजी की, किस मकसद से की, इसकी तह तक जांच होगी। अगर आरएलए के कर्मचारियों की मिलीभगत पाई गई तो वे भी आरोपित बनाए जाएंगे। इस संबंध में शिमला और सोलन में विजिलेंस ने तीन अलग-अलग केस दर्ज किए। इनमें अंतरराज्यीय गिरोह के कई सदस्यों को गिरफ्तार किया गया।ये सोलन और शिमला के वाहन मालिकों को झांसा देते थे कि वे इनके वाहन कंपनियों में ऊंचे दामों पर किराये पर लगाएंगे। झांसे में आकर वे नए वाहन खरीदते। किराये पर लगे नहीं बल्कि फर्जीवाड़े के गिरोह के सदस्यों ने सस्ते दामों पर पंजाब, हरियाणा में आगे बेच दिए। कईयों की रजिस्ट्रेशन भी वहां करवाई गई।