आवाज ए हिमचाल
06 फरवरी।वाहनों के फर्जीवाड़े में विजिलेंस जांच से पता चला है कि हिमाचल के वाहन मालिकों के आधार कार्डों के साथ चंडीगढ़ की एक दुकान में फर्जीवाड़ा हुआ था। चार आधार कार्ड के मालिकों के पते हिमाचल की बजाय पंजाब के कर दिए गए। इनके आधार पर वाहनों की रजिस्ट्रेशन वहां हो गई। इस संबंध में जांच करने पंजाब गई विजिलेंस की टीम लौट आई है। विजिलेंस की टीम ने चंडीगढ़ में एक दुकान से लैपटॉप, कंप्यूटर, हार्डडिस्क सीज किया है। इन्हें अब जांच के लिए फॉरेंसिक प्रयोगशाला भेजा जाएगा। उधर, मुख्य आरोपित रणजीत सिंह कंग को शुक्रवार को सोलन की एक कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने उसे 14 दिन के न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
डीएसपी विजिलेंस संतोष शर्मा ने पुष्टि की है। अभी वह विजिलेंस को भी वांछित है। इस कारण विजिलेंस कोर्ट से प्रोडक्शन वारंट प्राप्त करेगी। इसे हासिल करने के बाद आरोपित को शिमला लाया जाएगा। यहां भी इसके खिलाफ मामला दर्ज है। कंग के खिलाफ सोलन और शिमला में कुछ तीन मामले दर्ज हैं। यह अन्तरराज्यीय वाहन गिरोह का सरगना है। यह और इसके साथी हिमाचल के वाहनों को पंजाब ले गए।
मालिकों को झांसा दिया कि वे इनके वाहनों को कंपनियों में किराये पर लगाएंगे। लेकिन ऐसा हुआ नहीं। ये वाहन आगे पंजाब, हरियाणा में बेच दिए गए। इसमें वाहनों के कागजात के साथ जालसाजी की गई। अब तक 15 वाहनों को बरामद किया जा चुका है। कई वाहन और बरामद किए जाने हैं। यह मामला मुख्यमंत्री के दखल के बाद विजिलेंस को सौंपा गया था।