आवाज़ ए हिमाचल
शिमला। उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने बड़ा आरोप लगाया है कि वाटर सेस के मामले में केंद्र सरकार को हिमाचल के भाजपा नेता ही उकसा रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार हिमाचल के संसाधन बढ़ाना चाहती है। केंद्र सरकार से टकराव मकसद नहीं है, इसलिए इस पूरे मामले में लीगल लड़ाई ही लड़ेंगे। जल शक्ति विभाग देख रहे मुकेश अग्निहोत्री ने ही वाटर सेस का विधेयक विधानसभा में लाया था, जो अब कानून बन चुका है। उपमुख्यमंत्री का कहना है कि इस कानून को केंद्र सरकार सीधे तौर पर असंवैधानिक और अवैध नहीं कह सकती। यह अधिकार कोर्ट का है। कोर्ट ने अभी फैसला नहीं दिया है। उत्तराखंड में जब वाटर सेस लगाया था, तो केंद्र सरकार ने कुछ नहीं कहा। वहां कोर्ट ने इसे संवैधानिक भी करार दे दिया है।
इसके बाद ही हिमाचल ने इस बारे में कदम आगे बढ़ाए, लेकिन राज्य के ही कुछ भाजपा नेता दिल्ली में इस मामले को सुलगा रहे हैं। मुकेश अग्निहोत्री ने केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर द्वारा शिमला में दिए बयान पर भी हैरानी जताई है। अनुराग ठाकुर ने कहा था कि वाटर से लगाना राज्यों में असंतुलन पैदा करने जैसा है। मुकेश अग्निहोत्री ने अनुराग ठाकुर से पूछा है कि वह बताएं कि वह हिमाचल के साथ हैं या नहीं, उन्हें हिमाचल की चिंता है या बाकी राज्यों की। केंद्र सरकार ऊर्जा उत्पादक पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग कंपनियों को उकसा रही है। हिमाचल से पहले उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर यह फैसला ले चुके थे। वहां केंद्र सरकार ने कोई आपत्ति नहीं जताई। यह भेदभाव सिर्फ हिमाचल के साथ ही क्यों। उन्होंने कहा कि इस मामले में केस कोर्ट में है, इसलिए सरकार कोर्ट में ही जवाब देगी।