आवाज़ ए हिमाचल
शिमला। राज्य सरकार ने वाटर सेस पर आयोग के गठन की तैयारियां तेज कर दी हैं। आयोग में चार-पांच प्रमुख पदों को भरा जाना है और इनमें अध्यक्ष के अलावा चार सदस्य होंगे। इन पदों को भरने के लिए 18 जुलाई को साक्षात्कार तय किए गए हैं। सभी पदों को साक्षात्कार के माध्यम से भरा जाएगा। अध्यक्ष पद पर तैनाती के बाद वाटर सेस पर राज्य सरकार के फैसलों को अमल में लाने के प्रयास तेज गति से शुरू होंगे। हालांकि आयोग के गठन के साथ ही राज्य सरकार को इस मामले में अभी हाई कोर्ट में चल रही सुनवाई का भी सामना करना है। हाई कोर्ट में वाटर सेस के खिलाफ याचिका दायर की गई है और इस याचिका पर सुनवाई 16 अगस्त को होगी। फिलहाल, वाटर सेस आयोग की बात करें, तो अध्यक्ष और सभी चारों सदस्यों की नियुक्ति के बाद उन्हें मुख्यमंत्री पद और गोपनीयता की शपथ दिलवाएंगे और इसके बाद उनका कार्यकाल शुरू होगा।
वाटर सेस आयोग के राज्य सरकार ने जल उपकर अधिनियम-2023 बनाया है। आयोग की सभी भर्तियां इसी अधिनियम के दायरे में होंगी। वाटर सेस आयोग अध्यक्ष को प्रतिमाह एक लाख 35 हजार रुपए वेतन और महंगाई भत्ता प्रदान किया जाएगा, जबकि सदस्यों को एक लाख 20 हजार रुपए वेतन और महंगाई भत्ता दिया जाएगा। इसके अलावा यात्रा, परिवहन, मेडिकल, उपचार टेलीफोन सुविधा प्रथम श्रेणी के अधिकारी के बराबर तय किए गए हैं। वाटर सेस आयोग पर तैयारियां अब तेज गति से शुरू हो गई हैं। जल्द ही राज्य सरकार साक्षात्कार के बाद आयोग का गठन करेगी और मुख्यमंत्री की शपथ के साथ ही आयोग काम करना शुरू कर देगा।