आवाज़ ए हिमाचल
स्वर्ण राणा,नूरपुर
12 अक्तूबर । राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सदस्य सचिव प्रेम पाल रांटा ने कहा है कि लोकतंत्र में न्याय पाना हर नागरिक का संवैधानिक अधिकार है तथा आर्थिक परिस्थितियों केे कारण किसी भी व्यक्ति को न्याय से वंचित नहीं रखा जा सकता है। वे आज मंगलवार को स्थानीय बीडीओ कार्यालय के सभागार में राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण तथा ज़िला विधिक सेवा प्राधिकरण के सयुंक्त तत्वावधान में “पैन इंडिया अवेयरनेस एवम आउटरीच अभियान ” के तहत आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे। गौरतलब है कि आजादी के अमृत महोत्सव पर लोगों को कानूनी जागरूकता प्रदान करने के लिए 2 अक्तूबर से 14 नवंबर तक यह विशेष अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि असहाय व गरीब लोगों को सुलभ व समयबद्व न्याय प्रदान करने के उद्देश्य से राज्य में विधिक सेवा प्राधिकरण की स्थापना की गई है।
उन्होंने कहा कि विधिक प्राधिकरण समाज के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों, अनुसूचित जाति,अनुसूचित जनजाति, बुजुर्गों, बूढ़े माता-पिता, असहाय महिलाओं,दिव्यांगजनों, बच्चों सहित अन्य पात्र जरूरतमंद लोगों को नि: शुल्क न्याय की व्यवस्था प्रदान करता है। सदस्य सचिव ने कहा कि न्याय प्राप्त करने के लिए कोई भी पात्र व्यक्ति एक सादे कागज पर जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण अथवा उप मंडलीय विधिक सेवाएं समिति को आवेदन कर मुफ्त कानूनी सहायता प्राप्त कर सकता है। उन्होंने ग्रामीण स्तर और आम आदमी तक न्याय पहुंचाने के लिए सभी को सामूहिक प्रयास करने की जरूरत पर बल दिया।
उन्होंने कहा की आम आदमी की सुविधा के लिये प्रदेश के सभी डाकघरों में जानकारी उपलब्ध करवाने के साथ-साथ कानूनी सहायता के लिये निःशुल्क लिफाफे में डाक भिजवाने की व्यवस्था उपलब्ध करवाने का प्रावधान किया गया है। उन्होंने आशा तथा आंगनबाड़ी वर्कर से ग्रामीण स्तर तक मुफ्त कानूनी सहायता बारे संदेश पहुंचाने का आह्वान किया ताकि पात्र कोई व्यक्ति न्याय से वंचित न रहे। इस अवसर पर राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सदस्य सचिव प्रेम पाल रांटा ने हितधारकों से संवाद भी किया और विभिन्न विषयों पर लोगों के मनों में उत्पन्न शंकाओं बारे कानूनी जानकारी दी। इस मौके पर प्रदेश विधिक सेवा प्राधिकरण के प्रशासनिक अधिकारी हितेंद्र शर्मा ने भी कानूनी पहलुओं पर जानकारी दी।
उन्होंने उपस्थित लोगों से मुफ्त कानूनी सहायता के प्रावधानों की घर-घर तक पहुंचाने का आग्रह किया। उन्होंने अधिकतर मामलों को आपसी सहमति और मध्यस्ता से निपटाने पर विशेष पहल करने पर भी बल दिया। कार्यक्रम में ज़िला विधिक सेवा प्राधिकरण कांगड़ा की सदस्य सचिव विजय लक्ष्मी ने स्वागत करते हुए कार्यक्रम के उद्देश्य पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के शिविरों का मुख्य उद्देश्य हर व्यक्ति को न्याय सुनिश्चित बनाना है। उन्होंने कहा कि हमें अधिकारों के साथ साथ नागरिक कर्तव्यों का पालन करना भी जरूरी है।
ये रहे मौजूद :
कार्यक्रम में प्रदेश विधिक सेवा प्राधिकरण के प्रशासनिक अधिकारी हितेंद्र शर्मा, ज़िला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव विजयलक्ष्मी, सीनियर सिविल जज एवम एसीजीएम नूरपुर असलम बेग, एसडीएम अनिल भारद्वाज, कार्यकारी बीडीओ सुरजीत मैहता, बार एसोसिएशन के अध्यक्ष रवि पूरी, पैरा लीगल वालंटियर सहित आंगनबाड़ी और आशा कार्यकर्ता तथा अन्य हितधारक व अधिकारी मौजूद रहे।