लूहरी चरण एक जलविद्युत परियोजना को केंद्र सरकार ने दी मंजूरी,दो हज़ार लोगों को मिलेगा रोजगार

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आवाज़ ए हिमाचल

04 नवंबर।हिमाचल के शिमला और कुल्लू जिले में सतलुज नदी पर बनने जा रही एसजेवीएन की 210 मेगावाट की लूहरी चरण एक जलविद्युत परियोजना को केंद्र सरकार ने मंजूरी दे दी। बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीईए) ने 1810.56 करोड़ रुपये के निवेश को अनुमोदन प्रदान कर दिया है।

इसमें इनेबलिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए केंद्र से 66.19 करोड़ की बजटीय सहायता भी शामिल है, जिससे विद्युत टैरिफ कम करने में सहायता मिली है। प्रोजेक्ट से करीब दो हजार लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा। 62 माह के भीतर इसका निर्माण पूरा होगा। प्रोजेक्ट से प्रभावित परिवारों को दस साल तक प्रतिमाह सौ यूनिट बिजली मुफ्त मिलेगी। हिमाचल को 40 वर्षों तक लगभग 1050 करोड़ रुपये की निशुल्क बिजली मिलेगी। परियोजना से सालाना 758 मिलियन यूनिट बिजली तैयार होगी।


एसजेवीएन के अध्यक्ष नंद लाल शर्मा ने बताया कि परियोजना को बिल्ड-ओन-ऑपरेट-मेंटेन (बूम) आधार पर शिमला एवं कुल्लू जिले में राष्ट्रीय राजमार्ग-05 के साथ नीरथ गांव के समीप सतलुज नदी पर निर्मित किया जा रहा है। परियोजना 3:40 घंटे के लिए पीकिंग जलाशय के साथ एक रन-ऑफ-द-रिवर योजना है। 80 मीटर ऊंचा, 225 मीटर लंबा तथा 8 मीटर चौड़ा एक कंक्रीट ग्रेविटी बांध बनेगा, जिससे छह किलोमीटर लंबा जलाशय बनेगा। इसके लिए नदी के प्रवाह को 10 मीटर के व्यास एवं 567 मीटर लंबी हार्स-शू आकार की डायवर्जन टनल के माध्यम से मोड़ा जाएगा। 644 क्यूमेक्स के डिस्चार्ज का उपयोग चार इनटेक के माध्यम से होगा जो 90 मीटर लंबे चार पेनस्टॉक  से गुजरते हुए टरबाइनों में प्रवेश करेगा।

नदी के दाहिने किनारे पर प्रत्येक 80 मेगावाट की दो मुख्य इकाइयों और प्रत्येक 25 मेगावाट की दो सहायक इकाइयों से युक्त डैम-टो विद्युत गृह के रूप में अभियोजित है।
धर्मशाला इन्वेस्टर्स मीट में पीएम की मौजूदगी में हुआ था एमओयू एसजेवीएन के अध्यक्ष नंद लाल शर्मा ने बताया कि इस प्रोजेक्ट के लिए हिमाचल सरकार के साथ 27 अक्तूबर, 2008 को एमओयू हस्ताक्षरित हुआ था। परियोजना को 210 मेगावाट लूहरी चरण-एक, 172 मेगावाट लूहरी चरण-दो और 382 मेगावाट सुन्नी बांध जलविद्युत परियोजना तीन के रूप में दोबारा डिजाइन किया गया। सभी तीन परियोजनाएं एसजेवीएन को 29 अगस्त 2017 को दोबारा आवंटित की गईं।

इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में धर्मशाला इन्वेस्टर्स मीट 2019 में इन परियोजनाओं को पूरा करने के लिए हिमाचल सरकार के साथ एमओयू हस्ताक्षरित किए गए।
लूहरी प्रोजेक्ट से रोजगार के साथ मिलेगी सामाजिक-आर्थिक विकास में मदद
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने केंद्रीय कैबिनेट की ओर से सतलुज नदी पर 210 मेगावाट लूहरी स्टेज-एक हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट को मंजूरी देने पर पीएम नरेंद्र मोदी का आभार जताया। उन्होंने कहा कि इस परियोजना से वार्षिक 758.20 मिलियन यूनिट बिजली का उत्पादन होगा।

सीएम ने कहा कि इस परियोजना से रोजगार के साथ राज्य के सामाजिक-आर्थिक विकास में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि इस परियोजना का प्रदेश सरकार के साथ समझौता ज्ञापन राइजिंग हिमाचल ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट के दौरान किया गया था। इसमें केंद्र सरकार 66.19 करोड़ का अनुदान देकर इस परियोजना में सहायता कर रही है। लूहरी चरण-एक परियोजना को लगभग 5 वर्षों में कार्यशील किया जाएगा। इस परियोजना से तैयार होने वाली बिजली से ग्रिड में स्थिरता लाने और बिजली आपूर्ति सुधार में सहायता मिलेगी।


उधर जेपी नड्डा ने कहा कि यह पर्यावरण संरक्षण के साथ अक्षय ऊर्जा उत्पादन के क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि होगी। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी का हिमाचल से घनिष्ठ संबंध रहा है। वे प्रदेश के विकास को हमेशा प्रतिबद्ध रहे हैं। पीएम ने अक्तूबर में दुनिया में सबसे लंबी राजमार्ग सुरंग अटल टनल रोहतांग का उद्घाटन कर हिमाचल निवासियों को एक नई सौगात दी थी। कहा कि प्रधानमंत्री ने पिछले छह वर्षों में हिमाचलवासियों की सुख, समृद्धि और उनके विकास से जुड़ी योजनाएं कार्यान्वित करते रहे हैं।

 

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