आवाज़ ए हिमाचल
चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने खतरनाक अपराधियों से जुड़े मामलों की सुनवाई जेल परिसर में ही करने के लिए राज्य में 50 एकड़ क्षेत्र में एक अत्यधिक सुरक्षित डिजिटल जेल बनाने की घोषणा की। शुक्रवार को लड्डा कोठी संगरूर में नवनियुक्त जेल वार्डरों को नियुक्ति पत्र सौंपने के बाद अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने कहा कि लुधियाना के नजदीक 50 एकड़ जमीन पर उच्च सुरक्षा वाली डिजिटल जेल बनाने के लिए 100 करोड़ रुपए मंजूर किए है, जहां राज्य में खतरनाक अपराधियों की अदालती सुनवाई आयोजित की जाएगी। उन्होंने कहा कि ऐसे खतरनाक अपराधियों की विशेष सुनवाई के लिए जेल में ही जजों के अलग कैबिन बनाए जाएंगे, ताकि उन्हें जेल से बाहर न ले जाना पड़े। भगवंत मान ने यह भी कहा कि जेल विभाग जल्द ही मोहाली में अपना अत्याधुनिक दफ्तर बनाएगा, जिसके लिए जमीन की पहचान कर ली गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस फोर्स को वैज्ञानिक आधार पर आधुनिक बनाने के हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि राज्य में साइबर अपराध से निपटने के लिए पंजाब पुलिस को अधिक कौशल बनाने के लिए बड़े प्रयास शुरू किए गए हैं और कई नए सुधार लागू किए जा रहे हैं। भगवंत मान ने कहा कि जेलों में मोबाइल फोन के इस्तेमाल को रोकने के लिए जेलों में हाईटेक जैमर और अन्य उपकरण लगाए जा रहे हैं। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने ऐलान किया कि सीमा पार से ड्रोन द्वारा घुसपैठ को रोकने के लिए पंजाब पुलिस में एंटी-ड्रोन तकनीक शुरू की जा रही है। भगवंत मान ने कहा कि यह बहुत गर्व और संतोष की बात है कि पंजाब पुलिस देश की सबसे अच्छी फोर्स है। उन्होंने कहा कि राज्य के थानों को आधुनिक बनाने के लिए भारी मात्रा में संसाधन जुटाकर बड़े पैमाने पर प्रयास किए जा रहे हैं और विभाग में वाहन, हथियार सहित अन्य सुविधाएं मुहैया करवाई जा रही हैं। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने नवनियुक्त वार्डरों को प्रशिक्षण के दौरान अच्छे प्रदर्शन के लिए सम्मानित भी किया। इससे पूर्व मुख्यमंत्री ने परेड कमांडर हरप्रीत सिंह के नेतृत्व में भव्य मार्च पास्ट की सलामी ली। इस अवसर पर डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस गौरव यादव, एडीजीपी (जेल) अरूणपाल सिंह, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रमुख सचिव हिमांशु जैन और अन्य उपस्थित थे।