आवाज़ ए हिमाचल
15 नवंबर। जिला लाहौल-स्पीति की मयाड़ घाटी में वन्य जीव-जंतुओं ने रिहायशी इलाकों का रुख कर लिया है। पहाड़ों पर बर्फबारी के बाद पेयजल स्रोत जमने से आईबैक्स के झुंड निचले क्षेत्रों में आ रहे हैं। इसमें आईबैक्स के बच्चों की संख्या अधिक है। लाहौल में वन्य जीव जंतुओं का शिकार नहीं होता यही कारण है कि लाहौल की पहाड़ियों में गुजर बसर करने वाले आईबैक्स के झुंडों ने अब ग्रामीण इलाकों का रुख कर लिया है।
वह यहां विचरण के साथ पानी पीने के लिए ग्रामीण इलाकों के आसपास बहने वाले नालों में आ रहे हैं। लाहौल की मयाड़ घाटी निवासी एवं जड़ी-बूटियों के शोधार्थी डॉ. शिव पॉल का कहना है कि घाटी में कड़ाके की ठंड पड़ना शुरू हो गई है। दो दिन पूर्व उनके गांव के साथ आईबैक्स का झुंड पानी के लिए आया था। उन्होंने कहा कि झुंड में अधिकतर आईबैक्स के बच्चे शामिल थे। कुछ मादा आईबैक्स भी शामिल थीं।
उन्होंने कहा कि लोग इनका शिकार नहीं करते हैं और गांव में निडर होकर घूमते रहते हैं। वन विभाग लाहौल के डीएफओ दिनेश शर्मा ने बताया कि सर्दियां आने पर आईबैक्स के साथ अन्य वन्य प्राणी घाटी के निचले इलाकों का रुख करते हैं। ऐसे में वन विभाग ने इनके संरक्षण के लिए एक पेट्रोलिंग टीम का गठन किया है। जो समय-समय पर उन जगहों पर जाती हैं, जहां वन्य प्राणियों का डेरा लगा रहता है।