आवाज़ ए हिमाचल
13 अप्रैल। एशिया की दूसरी सबसे बड़ी सोसाइटी में शुमार लाहौल-स्पीति आलू उत्पादक संघ (एलपीएस) ने देशभर के करीब 50 व्यापारियों पर शिकंजा कस दिया है। एलपीएस की राशि न चुकाने पर सोसाइटी ने तीन व्यापारियों की करीब 70 लाख रुपये की संपत्ति को अपने नाम अटैच कर दिया है। पश्चिम बंगाल, नासिक और उत्तराखंड के इन तीन व्यापारियों ने एलपीएस से लाखों रुपये का आलू बीज लिया। इसके अलावा पश्चिम-बंगाल, गुजरात, महाराष्ट्र और उत्तराखंड के कई व्यापारियों ने भी आलू खरीद की है। व्यापारियों पर 1990 से लेकर 2018 तक एलपीएस की करीब साढ़े तीन करोड़ रुपये की देनदारी है। इसमें एलपीएस को 50 व्यापारियों का रिकॉर्ड मिला है। जबकि 1990 से लेकर 2005 की हुई आलू खरीद करने वाले व्यापारियों को रिकॉर्ड नहीं मिला है। ऐसे में एलपीएस को करीब दो करोड़ रुपये की राशि का वसूल करना टेढ़ी खीर बन गया है। 2005 से लेकर 2018 तक आलू की खरीद फरोख्त करने वाले करीब 50 व्यापारियों की पहचान हुई है। जिनको पिछले दो साल से बकाया राशि को जमा करने के लिए नोटिस भेजे गए हैं। कई व्यापारी ऐसे भी हैं, जिन्होंने आलू खरीद के चैक पहले ही एलपीएस को दे रखे थे, जो बाद में बाउंस हो गए है। सोसाइटी ने अब इन लोगों पर कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है। एलपीएस के चेयरमैन सुदर्शन जस्पा ने कहा कि सोसाइटी ने तीन व्यापारियों की लगभग 70 लाख रुपये की संपत्ति को अटैच कर दिया है। 50 आलू व्यापारियों पर भी कार्रवाई की प्रक्रिया जारी है। इसमें लगभग 10 से 12 लोग ऐसे हैं, जिनकी संपत्ति को भी सीज किया जा सकता है।
व्यापारियों ने नहीं दिया नोटिस का जवाब
एलपीएस ने जिन 50 बाहरी राज्यों के व्यापारियों पर शिकंजा कसा है। इनको बकाया राशि का जमा करने के लिए बार-बार नोटिस भेजे गए, लेकिन व्यापारियों ने जवाब नहीं दिया। बाद में कोऑपरेटिव सोसाइटी के रजिस्टार के पास केस लगने के बाद भी यह लोग शामिल नहीं हो पाए। इस पर तीनों की संपत्ति अटैच कर दी गई है।
दो करोड़ खरीद का रिकॉर्ड नहीं
देशभर में सप्लाई होने वाला लाहौली आलू बीज का करीब साढ़े तीन करोड़ रुपये पिछले 31 सालों से फंसा है। हालांकि एलपीएस ने 2005 से 2018 तक आलू खरीदने वाले व्यापारियों की पहचान कर दी है। जबकि 1990 से 2005 के बीच फंसी लगभग दो करोड़ की राशि के खरीदारों का रिकॉर्ड सोसाइटी के पास नहीं मिला है।