आवाज़ ए हिमाचल
पतलीकूहल। ड्रोन व हवाई रैकी के बाद अब रेको एवलांच रैस्क्यू डिवाइस ही रैस्क्यू टीम की उम्मीद बनी हुई है। 4 दिन के बाद भी शिमला के पर्वतारोही का कोई सुराग नहीं लग पाया है। 15 हजार फुट की ऊंचाई पर रात बिताने के बाद एडवैंचर टूअर ऑप्रेटर एसोसिएशन की रैस्क्यू टीम खाली हाथ लौटी है। अब भारतीय सेना की तिरंगा माऊंटेन रैस्क्यू टीम आशुतोष को तलाशने के लिए मनाली पहुंच रही है। मनाली प्रशासन ने पर्वतारोही आशुतोष का पता लगाने के लिए ड्रोन का सहारा लिया। जब ड्रोन काम नहीं आया तो हवाई रैकी भी की लेकिन कोई सुराग नहीं मिला तो अब एटीओएस की टीम रेको एवलांच रैस्क्यू डिवाइस का सहारा ले रही है।
पर्वतारोही आशुतोष को तलाशने की हरसंभव कोशिश जारी है। टीम के 5 सदस्यीय टीम ने टीम लीडर जोगी सहित दीवान चंद, जोगिंद्र पॉल, संजू और योग राज ठाकुर ने फ्रैंडशिप पीक में 15 हजार फुट की ऊंचाई पर बेस कैंप बनाकर रात बिताई। गत 4 दिनों से मनाली प्रशासन व पुलिस अटल बिहारी वाजपेयी पर्वतारोहण संस्थान व एडवैंचर टूअर ऑप्रेटर एसोसिएशन के साथ मिलकर सर्च अभियान चलाए हुए हैं।
मनाली पहुंचे आशुतोष के परिजन
आशुतोष के परिजन भी मनाली पहुंच चुके हैं। आशुतोष चौपाल के विधायक बलबीर सिंह वर्मा की पत्नी के मौसेरे भाई हैं। बलबीर सहित अन्य परिजन मनाली में हैं और आशुतोष के सुरक्षित मिलने की दुआ कर रहे हैं। दिन अधिक बीत जाने के कारण आशुतोष के जिंदा रहने की उम्मीद कम हो गई है। एडवैंचर टूअर ऑप्रेटर एसोसिएशन के सचिव पिंटू ने कहा कि उनकी रैस्क्यू टीम सर्च अभियान जारी रखेगी।
क्या बोले अधिकारी
अटल बिहारी वाजपेयी पर्वतारोहण संस्थान के निदेशक अविनाश नेगी ने कहा कि भारतीय सेना की तिरंगा माऊंटेन रैस्क्यू टीम अपने आधुनिक उपकरणों के साथ मनाली पहुंच रही है। इस टीम को सियाचिन ग्लेशियर में काम करने का अनुभव है। वीरवार को संस्थान संयुक्त टीम बनाकर घटना स्थल की ओर रवाना करेगा। वहीं एसडीएम मनाली डॉ. सुरेंद्र ठाकुर ने बताया कि आशुतोष की तलाश को यथासंभव प्रयास किए जा रहे हैं। अटल बिहारी वाजपेयी पर्वतारोहण संस्थान की टीम भी लगातार सर्च अभियान चलाए हुए है। उम्मीद है कि जल्द आशुतोष का कोई न कोई सुराग हाथ लगेगा।