आवाज ए हिमाचल
जतिन लटावा, जोगेंद्रनगर, 31 जनवरी। कोरोना काल में आॅनलाईन शिक्षा सही विकल्प था। लेकिन लचर आधारभूत ढांचे पर परीक्षार्थियों की प्रभावित परीक्षा पर सरकार अपनी स्थिति को स्पष्ट करें ताकि शैक्षणिक योग्यता में पिछड़ रहे विद्यार्थियों को उनके भविष्य पर उत्पन्न हुए संशय पर पर्दा उठ सके।
सोमवार को एसडीएम जोगेंद्रनगर डाॅ मेजर विशाल शर्मा को सौंपे गए ज्ञापन में यूथ कांग्रेस के जिला उपाध्यक्ष सुनीत ठाकुर ने कहा कि आॅनलाईन शिक्षा मात्र तकनीक ही नहीं बल्कि सामाजिकरण की भी नई प्रक्रिया है। लेकिन लचर आधारभूत ढांचे से परीक्षार्थी अपने उज्जवल भविष्य को लेकर चिंतित है।
उन्होंने बताया कि आॅनलाईन शिक्षा लेने में असमर्थ रहे विद्यार्थियों के लिए शिक्षा का प्रारूप बनाया जाए। वहीं नई शिक्षा नीति के साथ आॅनलाईन शिक्षा पर दी गई गुणवताहीन पढ़ाई पर प्रदेश भर के हजारों विद्यार्थियों के भविष्य पर बुरा असर पड़ा है। ऐसे में प्रदेश सरकार शिक्षा पर स्थाई नीति लागू कर विद्यार्थियों के मन में उठ रही धारणाओं पर अपना पक्ष रखे।
सुनीत ठाकुर का आरोप है कि आॅनलाईन शिक्षा को प्रदेश में लागू करने से पहले आधारभूत ढांचे को दुरस्त नहीं किया गया। ग्रामीण क्षेत्रों में कनैक्टिविटी भी बाधा बनी। इससे अब विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए विद्यार्थी सकते में हैं। ब्लैकबोर्ड से लेकर स्मार्टबोर्ड तक बदलती तकनीकी का उपयोग जो क्लाशरूम में टीचिंग को मजबूत कर रहा था। उसे डिजिटल श्रेणी में लागू करने से पहले आधारभूत ढांचे को मजबूत न करना सरकार की बड़ी विफलता रही है। इससे पहले उन्होंने शिक्षा के निजीकरण पर भी प्रदेश सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए।
इस अवसर पर युवा कांग्रेस कमेटी के पदाधिकारी प्रशांत ठाकुर, रोहित कुमार, विजय कुमार भी मौजूद रहे।