आवाज़ ए हिमाचल
शिमला। राज्य के सरकारी स्कूलों में लंबे समय से टीजीटी शिक्षकों के खाली पदों को भरा जाएगा। हाल ही में कैबिनेट से 5291 पदों को भरने की मंजूरी मिली है। शिक्षा विभाग को काफी समय ये इन भर्तियों का इंतजार था। खास बात ये है कि इसमें 75:25 अनुपात में ये पद भरे जाने हैं। यानि 75 फीसदी टीजीटी पदों सामान्य श्रेणी, जबकि 25 फीसदी विकलांग कोटे से भरे जाएंगे। 75 फीसदी पदों को ही कमीशन और बैचवाइज आधार पर भरा जाना है। ऐसे में कमीशन से भर्तियों का इंतजार कर रहे युवा तो अब नौकरी की तैयारी कर सकते हैं, लेकिन दूसरी तरफ बैचवाइज भर्ती में 24 साल पहले जो टीजीटी कर चुके हैं, उन्हें अब बैचवाइज आधार पर नौकरी मिल सकेगी। टीजीटी के सामान्य श्रेणी में आट्र्स में 1999, नॉन मेडिकल में 1999 और मेडिकल में 2001 का बैच चल रहा है, जिन्हें अब बैचवाइज आधार पर नौकरी पाने का अवसर मिलेगा। इन भर्तियों के लिए अब शिक्षा विभाग को प्रदेश सरकार से अधिसूचना का इंतजार है।
हालांकि प्रारंभिक शिक्षा विभाग की ओर से पहले ही यह प्रस्ताव प्रदेश सरकार को भेज दिया गया है, लेकिन इस बीच सत्ता में आई नई सरकार ने कुछ स्कूलों को बंद कर दिया। इसके बाद दोबारा प्रस्ताव तैयार किया गया और कैबिनेट ओर से 5291 रिक्त पद भरने का निर्णय लिया गया है। इनमें टीजीटी (कला) के 1070 पद, टीजीटी (नॉन-मेडिकल) के 776 पद, टीजीटी (मेडिकल) के 430 पद, शास्त्री के 494 पद और जेबीटी शिक्षकों के 2521 पद शामिल हैं। कमीशन आधार पर ये भर्तियां अनुबंध के तहत होनी हैं। सरकार ने हालांकि जेबीटी के पदों को कमीशन से भरने के लिए मंजूरी दे दी है, लेकिन जेबीटी की भर्तियां अभी कोर्ट में फंसी हैं। सुप्रीम कोर्ट में जेबीटी बनाम बीएड केस चल रहा है और इसमें अब प्रदेश सरकार भी सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार कर रही है। वहीं पीजीटी आईपी के 1191 पद भरने का मामला कोर्ट में है। शारीरिक शिक्षकों के 870 पद भरने के लिए भी कोर्ट के फैसले का इंतजार है।