:- एसडीएम को निर्देश उपमंडल स्तर पर नियमित तौर पर करें समीक्षा
:- संयुक्त कार्यालयों तथा डे बोर्डिंग स्कूलों की स्टेट्स रिपोर्ट भी मांगी
:- प्रभावितों को तुंरत उपलब्ध करवाई जाए फौरी राहत
आवाज़ ए हिमाचल
धर्मशाला। उपायुक्त डॉ. निपुण जिंदल ने जिले में राजस्व से संबंधी लंबित मामलों का शीघ्र निपटारा सुनिश्चित करने के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दिए ताकि लोगों को किसी प्रकार की दिक्कत का सामना न करना पड़े। उपायुक्त कार्यालय धर्मशाला में आज शुक्रवार को जिला कांगड़ा के राजस्व विभाग की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए जिलाधीश डॉ. निपुण जिंदल ने कहा कि राजस्व कार्यों के निपटान के लिए सभी उपमंडलाधिकारियों के लिए लक्ष्य निर्धारित किया गया है ताकि किसी भी स्तर पर मामले लंबित नहीं रहें। उपायुक्त ने कहा कि राजस्व मामले आम जनमानस से जुड़े होने के कारण उनकी रोजमर्रा की गतिविधियों को प्रभावित करतें हैं। उन्होंने कहा कि तकसीम, इन्तकाल, निशानदेही जैसे अनेक राजस्व संबंधी कार्यों के लिए लोगों को प्रतिदिन राजस्व अधिकारियों से मिलना पड़ता है। उन्होंने राजस्व अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि आम आदमी को राजस्व सम्बन्धित मामलों में जल्द राहत प्रदान करने के प्रयास किए जाएं। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को भूमि से सम्बन्धित विषयों को सप्ताहवार एवं दैनिक आधार पर निपटाने करने की कोशिश करनी चाहिए। डॉ. निपुण जिंदन ने जिला भर से आए उपमंडलाधिकारी (नागरिक) से कहा कि प्रत्येक एसडीएम सम्बन्धित उपमंडल में हर माह अधीनस्थ अधिकारियों व कर्मचारियों के साथ बैठक करें ताकि लम्बित मामलों को शीघ्रता से निपटाया जा सके। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि राजस्व कार्यों को प्राथमिकता देते हुए निर्धारित लक्ष्यों को तय समय पर पूरा करना चाहिए ताकि लोगों के राजस्व सम्बन्धित मामलों का त्वरित निपटान हो सके। उन्होंने कहा कि इससे जहां अधिकारियों की कार्यकुशलता बढ़ेगी, वहीं कार्यप्रणाली में पारदर्शिता आएगी। डीसी ने कहा कि राजस्व अधिकारी राजस्व मामलों को निरंतरता के साथ निपटाने में व्यक्तिगत रूप से गंभीरतापूर्वक प्रयास करें। उन्होंने कहा कि जिन तहसीलों का राजस्व रिकार्ड आनलाइन नहीं हुआ है उसे प्राथमिकता के आधार पर पूर्ण करने के लिए कारगर कदम उठाए जाएं। उन्होंने कहा कि ई-समाधान के माध्यम से प्राप्त शिकायतों को निपटाने के लिए गंभीरता से प्रयास किये जाएं। उन्होंने कहा कि इसके लिए उपमंडल स्तर पर ही नियमित तौर पर मीटिंग आयोजित की जाएं। स्वामित्व योजना का उद्देश्य गांव में बसे हुए ग्रामीण परिवारों के मालिकों को अधिकारों के रिकॉर्ड के रूप में संपत्ति कार्ड प्रदान करने का प्रावधान किया गया है। उपायुक्त ने बताया कि इस योजना में विविध पहलुओं को शामिल किया गया है। इनमें संपत्तियों के मुद्रीकरण को सुगम बनाना और बैंक ऋणों को सक्षम बनाना तथा संपत्ति संबंधी विवादों को कम करने में सहायक सिद्ध होगी। उन्होंने स्वामित्व योजना के सुचारू कार्यान्वयन के लिए ठोस कदम उठाने के निर्देश दिए। उपायुक्त डॉ. निपुण जिंदल ने कहा कि राज्य सरकार की ओर से कांगड़ा जिला के लिए आठ बोर्डिंग स्कूल बनाने के लिए स्वीकृति प्रदान की गई है। उन्होंने संबंधित उपमंडलाधिकारियों से डे बोर्डिंग स्कूल के लिए उपयुक्त जमीन के चयन प्रक्रिया को तत्काल पूर्ण करने के निर्दश दिए। उन्होंने कहा कि उपमंडलाधिकारियों से इस संबंध में प्रगति रिपोर्ट भी मांगी गई है ताकि डे बोर्डिंग स्कूलों का निर्माण कार्य शीघ्र आरंभ किया जा सके। इसके साथ ही मुल्थान, बैजनाथ, प्रागपुर, हरिपुर, इंदौरा, फतेहपुर में संयुक्त कार्यालय भवनों की कार्यों की प्रगति बारे भी विस्तार से चर्चा की गई।
जिलाधीश डॉ. निपुण जिंदल ने कहा कि हाल-फिलहाल बरसात के दिनों में जो भी लोग मॉनसून से प्रभावित हो रहे हैं, प्रशासन द्वारा उनकी त्वरित सहयाता की जाए। उन्होंने कहा कि राजस्व अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि भारी बारिश के कारण संकटग्रस्त लोगों को तुरंत फौरी राहत उपलब्ध करवाई जाए। उन्होंने कहा कि अधिकारी अपने-अपने क्षेत्रों में भारी बरसात और उससे होने वाले संभावित खतरों से निपटने के लिए भी पहले से तैयारी करके रखें।
इससे पहले एडीएम रोहित राठौर ने मुख्यातिथि का स्वागत करते हुए राजस्व विभाग के विभिन्न कार्यों के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान की। इस अवसर पर एडीसी सौरभ जस्सल, कांगड़ा जिला के समस्त एसडीएम, तहसीलदार, सहित विभिन्न अधिकारी उपस्थित थे।