आवाज ए हिमाचल
22 जनवरी। भारत में रॉन्ग साइड ड्राइविंग (उलटी दिशा में गाड़ी चलाना) एक बड़ी समस्या है। न सिर्फ हाईवे पर यह समस्या देखी जाती है, जहां लोग यू-टर्न खोजने के लिए कुछ किलोमीटर का सफर करने से बचने के लिए रॉन्ग साइड लेते हैं, बल्कि शहरों में भी रॉन्ग साइड ड्राइविंग बहुत आम है। गुरुग्राम पुलिस ने कहा कि उन्होंने रॉन्ग साइड पर गाड़ी चलाने के लिए 2019 में 49,671 चालान काटे, जिनकी संख्या घटकर 39,737 हो गई है। लेकिन वे अब उन लोगों की संख्या को कम करने के लिए कड़े कदम उठा रहे हैं जो रॉन्ग साइड में गाड़ी चलाना पसंद करते हैं और हर वाहन चालक की जिंदगी को खतरे में डालते हैं।
पुलिस ने लिया सख्त फैसला
रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस अधिकारी प्रीत पाल सिंह ने बुधवार को कहा कि पुलिस नियम का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी। गुरुग्राम पुलिस सड़क पर रॉन्ग साइड पर गाड़ी चलाने वाले लोगों के ड्राइविंग लाइसेंस को रद्द कर देगी।एएनआई को दिए एक इंटरव्यू में, प्रीत पाल सिंह ने कहा, “पुलिस कमिश्नर ने फैसला किया है कि जो भी गुरुग्राम में सड़क के रॉन्ग साइड पर गाड़ी चलाएगा, उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। ट्रैफिक कर्मचारियों को ऐसे ड्राइवरों का चालान करने के साथ ही उनके लाइसेंस को निलंबित करने का भी निर्देश दिया गया है। यदि गलती दोहराई जाती है, तो इससे लाइसेंस स्थायी रूप से रद्द हो जाएगा और उस व्यक्ति को लाइसेंस कभी भी जारी नहीं किया जाएगा।”
होगी 10 साल की जेल!
उन्होंने बताया, “सड़कों पर सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की जाती है। मैं सभी से सुरक्षा नियमों का पालन करने का अनुरोध करता हूं नहीं तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी। ये फैसला यह सुनिश्चित करने के लिए है कि लोग अपने और दूसरों को खतरे में न डालें। कई लोग लापरवाही के कारण अपनी जान गंवा देते हैं।”
रॉन्ग साइड ड्राइविंगरॉन्ग साइड पर ड्राइविंग से भारत में कई दुर्घटनाएं होती हैं। ऐसे कई लोग हैं जो कुछ मिनट या कुछ सेकंड बचाने के लिए रॉन्ग साइड ले लेते हैं। रॉन्ग साइड पर गाड़ी चलाने से सड़क पर बहुत भीड़ भी हो जाती है क्योंकि इससे ट्रैफिक की आवाजाही बाधित होती है। अतीत में, रॉन्ग साइड ड्राइविंग के कारण कई दुर्घटनाएं हुई हैं और वे सीसीटीवी कैमरों में रिकॉर्ड हुई हैं। गुरुग्राम में प्रशासन ने ट्रैफिक की आवाजाही को सुगम बनाने के लिए कुछ सड़कों को स्थायी रूप से वन-वे कर दिया है। इस वजह है इन सड़कों के आसपास समस्या और भी आम हो गई है। कानून तोड़ने वालों को नियंत्रण में रखने के लिए लाइसेंस रद्द करना एक अच्छा तरीका होगा।
भारत में सबसे ज्यादा सड़क दुर्घटनाएं
भारत में बीमा नियामक विभाग (IRDA) ने सुझाव दिया है कि किसी वाहन की बीमा पॉलिसी को व्यक्ति के ड्राइविंग लाइसेंस से जोड़ा जाना चाहिए। यदि कोई व्यक्ति अधिक उल्लंघन करता है, तो उसके अनुसार बीमा प्रीमियम बढ़ जाएगा। यह एक ऐसा मॉडल है जिसे कई विकसित देशों ने सफलतापूर्वक अपनाया और लागू किया है। यदि यातायात नियम के उल्लंघन के कारण बीमा नवीनीकरण राशि पर्याप्त मात्रा में बढ़ जाती है, तो ज्यादातर लोग नियमों के बारे में सतर्क रहेंगे और अधिक सावधानी से ड्राइव करेंगे। दुनियाभर में भारत में सड़क दुर्घटनाओं की संख्या सबसे ज्यादा है। अधिकारियों द्वारा नए कदम भविष्य में इन घटनाओं की संख्या को नीचे लाएंगे।