आवाज़ ए हिमाचल
अभिषेक मिश्रा, बिलासपुर। कुत्तों या जानवरों के काटने से होने वाली रेबीज नाम की बीमारी से बचने के लिए इन जानवरों से दूरी बना के रहना चाहिए, ताकि ये काट भी न सके व चाटे भी न।
उक्त जानकारी देते मुख्य चिकित्सा अधिकारी बिलासपुर डॉ. प्रवीण चौधरी ने बताया कि अगर कुत्ता या जानवर काटे तो तुरन्त नजदीक के अस्पताल जाएं और अपना इलाज मुफ्त करवाए। हर वर्ष 28 सितम्बर को विश्व रेबीज दिवस राष्ट्रीय रेबीज नियंत्रण कार्यक्रम के अर्न्तगत मनाया जाता है, जिसका लक्ष्य लोगों को इस बीमारी के प्रति जागरूक करना है। 100 में से 70 भारतीय यह नहीं जानते कि कुत्तों या जानवरों के काटने से रेबीज नाम की लाईलाज बीमारी होती है। केवल जानकारी के अभाव में हमारे देश में 18 से 20 हजार व्यक्ति प्रति वर्ष रेबीज की वजह से मर जाते हैं, जिनमें अधिकतर 10 से 15 साल के किशोर एवमं निम्न आर्थिक परिवारों के लोग होते हैं। रेबीज में लापरवाही करना जानलेवा हो सकती है।
उन्होने कहा कि अपने पालतू कुत्तों और बिल्लियों के साथ दुर्व्यवहार जैसे- उन्हें लात मरना, पूंछ खींचना या उन्हें पत्थर मारना आदि न करें। आवारा कुत्तों और बिल्लियों से दूर रहें व अपने पालतू जानवरों को परेशान न करें खासकर जब वह सो रहे हों, खा रहे हों, या अपने बच्चो को दूध पीला रहें हों।