आवाज़ ए हिमाचल
शिमला। रिसेल किए गए मोबाइल फोन से भी शातिर आपका डाटा चोरी कर सकते हैं। शातिर पुराने मोबाइल फोन को ठीक करके उसका इस्तेमाल ऑनलाइन ठगी के लिए कर रहे हैं। ऐसे में ऑनलाइन ठगी मामलों की जांच में मोबाइल का मालिक भी पुलिस की जांच में आरोपी बन सकता है। ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों व साइबर ठगी से अनजान घरों में खराब पड़े फोन कुछ पैसे कमाने के चक्कर में फोन बेच देते हैं। शातिर खराब फोन ठीक कर उसे एक्टिव कर देते हैं और मोबाइल एक्टिव करने के बाद उसे ऑनलाइन ठगी के लिए उपयोग कर रहे हैं। इसके अलावा मोबाइल फोन की रिपेयर करवाते समय भी आपका डाटा लीक हो सकता है। साइबर ठगों से बचने के लिए साइबर सेल शिमला ने एडवाइजरी जारी की है। एंड्रॉइड फोन से डाटा हटाने का अधिक सुरक्षित तरीका नहीं होता है। यहां तक कि अगर आप फोन को रिसेट करते हैं, तब भी संभावना है कि आपका डाटा पुन: प्राप्त किया जा सकता है। इससे पहले आप बाहर जाएं और अपने फोन को फॉर्मेटिंग के ठीक बाद बेच दें, इसे यादृच्छिक छवियों, संगीत और वीडियो के साथ लोड करने का प्रयास करें।
उसके बाद, आप फोन पर फैक्टरी रीसेट कर सकते हैं। साइबर सेल शिमला के एसपी रोहित मालपानी का कहना है कि अपना पुराना फोन बेचते समय, सुनिश्चित करें कि आपके द्वारा खरीदार के साथ साझा किए गए चालान में आपकी निजी जानकारी जैसे घर का पता और फोन नंबर शामिल नहीं है, ताकि जानकारी के किसी भी दुरुपयोग को रोका जा सके। मोबाइल की रिपेयर करवाते समय मोबाइल से सिम व मेमोरी कार्ड निकाल लें, ताकि आपका डाटा लीक न हो सके।