आवाज ए हिमाचल
30 दिसंबर।राजकीय महाविद्यालय रिड़कमार में एक दिवसीय आपदा प्रबंधन पर कार्यशाला का आयोजन किया गया।इस दौरान आपदा प्रबंधन से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर विशेष प्रशिक्षण प्रदान किया गया। यह कार्यशाला NDRF -14 बटालियन और जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (DDMA) कांगड़ा के संयुक्त प्रयास से आयोजित की गई। NDRF टीम के मास्टर ट्रेनर इंस्पेक्टर मोहिंदर सिंह ने छात्रों को सीपीआर तकनीक, दुर्घटना के समय खून के बहाव को रोकने के उपाय और विभिन्न आपदाओं में बचाव कार्यों के तरीके बताए।कार्यशाला का मुख्य आकर्षण फायर सेफ्टी प्रशिक्षण रहा। जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण से नरेंद्र कुमार ने आग से बचाव और सुरक्षा के उपायों पर विस्तार से जानकारी दी।उन्होंने बताया कि आग तीन घटकों – ईंधन, गर्मी और ऑक्सीजन के संयोजन से बनती है, और इनमें से किसी एक को हटाकर आग बुझाई जा सकती है।उन्होंने एलपीजी गैस की आग से बचाव के व्यावहारिक तरीके भी प्रदर्शित किए।
हरजीत भुल्लर ने विभिन्न वीडियो प्रस्तुतियों के माध्यम से हैती, जापान और नेपाल में आए भूकंपों के उदाहरण देते हुए कांगड़ा जिले की भूकंप संवेदनशीलता पर प्रकाश डाला।उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में भूकंप जागरूकता को बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया।
उन्होंने बच्चों से आह्वान किया कि आपदा के समय घबराना नहीं चाहिए बल्कि समझदारी से काम लेना चाहिए।कार्यक्रम का संचालन महाविद्यालय के आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ के संयोजक सहायक प्रोफेसर हाकम चंद ने किया। इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. युवराज सिंह, प्रोफेसर मनोज कुमार, प्रोफेसर आशा मिश्रा,नरेश कुमार और वेद राम उपस्थित रहे।यह कार्यशाला आपदा प्रबंधन के प्रति स्थानीय स्तर पर जागरूकता बढ़ाने और प्रशिक्षण प्रदान करने का एक सफल प्रयास रही। महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने इसमें बढ़- चढ़ कर भाग लिया। इस कार्यशाला ने छात्रों को न केवल आपातकालीन परिस्थितियों से निपटने के लिए तैयार किया, बल्कि उनके आत्मविश्वास को भी बढ़ावा दिया।