आवाज ए हिमाचल
16 अप्रैल।प्रदेश में प्राकृतिक आपदा से क्षतिग्रस्त मकान की मरम्मत के लिए अब मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत धनराशि नहीं मिलेगी। प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों के निर्धन परिवारों (बीपीएल) को ही आवास बनाने को इस योजना का लाभ मिलेगा। अब आपदा से क्षतिग्रस्त मकानों की मरम्मत को उपायुक्त आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की ओर से राशि अदा करेंगे। ग्रामीण विकास विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव निशा सिंह की ओर से इस संबंध में जारी अधिसूचना को राज्य के राजपत्र में प्रकाशित कर दिया है।योजना के तहत स्वीकृत धनराशि का वितरण संबंधित लाभार्थी को केवल आरटीजीएस, एनईएफटी से ही किया जाएगा।
आवास बनाने को डेढ़ लाख की राशि तीन किस्तों में दी जाएगी। पहली किस्त 65 हजार की राशि निर्माण शुरू होने पर देंगे। दूसरी किस्त 45 हजार की मकान के लेंटर स्तर तक चिनाई होने पर देंगे। तीसरी किस्त 40 हजार की निर्माण कार्य पूरा होने पर दी जाएगी। योजना की राशि ग्रामीण विकास निदेशालय पहले जिला ग्रामीण विकास अभिकरणों को स्थानांतरित की जाएगी।
इसके बाद जिला कोषागार से धनराशि डीबीटी के माध्यम से सीधे लाभार्थी के खाते में जाएगी। मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत हर साल सामान्य योजना में आवंटन धनराशि का 10 फीसदी अति निर्धन जरूरतमंद परिवारों को दी जाएगी, जो परिवार विषम परिस्थितियों में जीवन यापन को बाध्य हों। या फिर ग्राम सभा की अनुसूची में न हों। इसके अलावा उपायुक्तों की अनुशंसा पर सरकार से पूर्व अनुमोदन प्राप्त करने के बाद निदेशक ग्रामीण विकास से स्वीकृत किए हों।
आपदा प्रभावितों के लिए प्रावधान
आपदा प्रभावितों को क्षतिग्रस्त मकानों के मरम्मत के लिए योजना के तहत कुल आवंटित धनराशि से 5 और दस फीसदी धनराशि का प्रावधान ग्रामीण विकास विभाग ने समाप्त कर दिया है। इस संबंध में विभाग ने पत्र भी जारी कर दिया है। ऐसे क्षतिग्रस्त मकान की मरम्मत के लिए धनराशि देने का मामला संबधित डीसी को भेजना होगा। डीसी राहत मैनुअल के तहत यह राशि जारी कर पाएंगे।