आवाज ए हिमाचल
अभिषेक मिश्रा, बिलासपुर
24 जून। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य, पूर्व मंत्री व विधायक राम लाल ठाकुर ने केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के कुल्लू दौरे को लेकर कई प्रश्न खड़े कर दिए हैं, उन्होंने केंद्रीय भूतल मंत्री व वर्तमान में प्रदेश सरकार के नैशनल हाइवे के दावों की पोल खोलते हुए कई नए सवाल खड़े कर दिए हैं। राम लाल ठाकुर ने पूछा है कि केंद्र सरकार ने हिमाचल प्रदेश में 63 नेशनल हाईवे में से 58 के लिये विस्तृत परियोजना रिपोर्ट(डीपीआर) बनाने को मंजूरी प्रदान कर दी थी। उनका वर्तमान में क्या स्टेटस है, कोई नहीं जानता है? राम लाल ठाकुर ने कहा कि राज्य के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण(एनएचएआई) के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ वर्ष 2018 में एक बैठक भी की थी।
उन्होंने अधिकारियों को इन मार्गों के लिये जल्द डीपीआर तैयार करने के निर्देश भी दिये थे लेकिन धरातल पर कुछ हुआ नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा था कि राज्य में इस समय राष्ट्रीय राजमार्गों का सड़क घनत्व प्रति हजार वर्ग किलोमीटर पर 47.65 है। जबकि राष्ट्रीय औसत प्रति हजार वर्ग किलोमीटर पर 38.40 किलोमीटर है। मुख्यमंत्री जी ने जानकारी दी थी कि 63 नये राष्ट्रीय राजमार्ग के बनने से राज्य में सड़क घनत्व प्रति हजार वर्ग किलोमीटर पर बढ़ कर 125.11 किलोमीटर हो जाएगा। वर्तमान में राज्य में 2653 किलोमीटर के राष्ट्रीय राजमार्ग हैं जो नये राष्ट्रीय राजमार्ग के निमार्ण के बाद बढ़ कर 6965 किलोमीटर हो जाने थे। राम लाल ठाकुर ने केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्री से पूछा है कि इस विषय को क्यों दबाया जा रहा है कि राष्ट्रीय राजमार्गों का वर्तमान के क्या प्रारूप है, जो सरकार की बैठकों में तय होता है वह पूरा क्यों नही किया जाता है। राम लाल ठाकुर ने कहा कि केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्री जी बताएं कि राष्ट्रीय राजमार्ग के बनने से पड़ोसी राज्यों हरियाणा, पंजाब, उत्तराखंड और दिल्ली के लिये कौन कौन से वैकल्पिक मार्ग होंगे तथा इससे आम जनता के अलावा राज्य के सेब और अन्य उत्पादों की ढुलाई को फायदा हो सकेगा और उन्होंने सवाल खड़ा किया है।
कि प्रस्तावित रोहड़ू-चिरगांव-लरोट-चांशल-डोडरा क्वार राष्ट्रीय राजमार्ग से न केवल हरिद्वार और चार धाम के लिये वैकल्पिक मार्ग उपलब्ध होने थे, उनका क्या स्टेटस है। जबकि पूर्व में दिए गए मुख्यमंत्री जी के वक्तव्य के अनुसार 70वां नेशनल हाईवे कुल्लू जिला के आनी में शमशर से लेकर झाकड़ी तक बनना तय था, जिसकी कुल लंबाई 148 किलोमीटर होनी थी। उसका वर्तमान में क्या प्रारूप है कोई नहीं जानता है, इसके बारे में भी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए। क्यों? राम लाल ठाकुर ने कहा कि उनकी जानकारी के अनुसार हिमाचल को केंद्र की सरकार ने 69 नेशनल हाईवे और एक अन्य नेशनल हाइवे की सैंद्धांतिक मंजूरी दे थी, उसका काम भी पेंडिंग पड़ा है और मजे की बात यह मंजूरी केंद्रीय सड़क एवं भूतल परिवहन मंत्री नितिन गडकरी जी ने ही दी थी। प्रदेश के मुखिया सीएम जयराम ठाकुर ने उस समय विधानसभा में एक वक्तत्व के माध्यम से इसकी जानकारी भी दी थी।
अब हिमाचल में कुल 70 नेशनल हाईवे हो गए हैं. 70वां नेशनल हाईवे कुल्लू जिला के आनी में शमशर से लेकर झाकड़ी तक बनेगा, जिसकी कुल लंबाई 148 किलोमीटर होनी तय थी इसकी डीपीआर के लिए केंद्र ने 7 करोड़ 50 लाख भी मंजूर किए थे। अभी उसका क्या स्टेटस है, यह भी कोई नहीं जानता है। आखिर राष्ट्रीय राज मार्गो को लेकर सरकारी तंत्र में क्या चल रहा है, कोई नहीं जानता। राम लाल ठाकुर ने कहा कि सरकार जरूरत से ज्यादा हवाई किले बना रही है। जो पूर्व में 69 नेशनल हाईवे घोषित किए हैं, उनका पैसा कहां है? पहले सरकार यह तो बताए की वर्ष 2012 के विधानसभा चुनावों से पहले बीजेपी ने 69 नेशनल हाईवे मिलने का दावा किया था और कहा था कि हिमाचल को 64 हजार करोड़ रुपये मिलने हैं अब वह कहां है, किसी को कोई पता नही है। राम लाल ठाकुर ने कहा कि जिस तरह से केंद्र की सरकार विकास की योजनाओं के लिए हवाई किले बनाती है ठीक उसी के पदचिन्हों पर प्रदेश सरकार भी लोंगो को हवाई आकड़ो के सब्ज बाग दिखा कर वाहवाही लूटना चाहती है जो कि अब पूरा नहीं हो पाएगा।