राष्ट्रीय अनुसंधान केंद्र सोलन के विशेषज्ञों ने कहा मशरूम के अपशिष्टों से तैयार की जा सकेगी ऑर्गेनिक खाद

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आवाज़ ए हिमाचल 

22 नवंबर। प्रदेश में अब मशरूम अपशिष्टों से कृषि और बागवानी कार्य में लाभ मिलेगा। मशरूम क्रोप के बाद खुले में फेंके जाने वाले वेस्ट से किसान-बागवान ऑर्गेनिक खाद तैयार कर सकते हैं। राष्ट्रीय खुंब अनुसंधान केंद्र सोलन के विशेषज्ञों ने मशरूम के अपशिष्टों को कृषि और बागवनी के लिए उत्तम बताया है। जिला सोलन सहित प्रदेश के अन्य क्षेत्रों में किसानों ने वेस्ट की खाद तैयार कर खेतों में डालनी शुरू कर दी है। डीएमआर के विशेषज्ञों के अनुसार मशरूम के वेस्ट में,

नाइट्रोजन, फासफोर्स और पोटाशियम की प्रचुर मात्रा होती है। यह मिट्टी को उपजाऊ बनाती है। इसका प्रयोग किसान-बागवान मशरूम अपशिष्टों को रि-साइकिल करने के बाद कर सकते हैं। केंचुआ खाद बनाने में भी इस प्रयोग किया जा सकता है। इसके लिए मशरूम वेस्ट को साफ-सुथरी जगह पर गड्डा खोदकर उसमें 8 से 16 माह तक अच्छी तरह सड़ने के बाद तैयार खाद का प्रयोग किया जा सकता है।

 

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