आवाज़ ए हिमाचल
26 नवंबर। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होने से पहले संविधान दिवस के मौके पर सभी जनप्रतिनिधियों से मतभेदों को पीछे छोड़ते हुए राष्ट्र हित तथा जनसेवा के वास्तविक उद्देश्य के प्रति कार्य करने का आह्वान किया। श्री कोविंद ने संविधान की 72वीं वर्षगांठ के मौके पर संसद के केंद्रीय कक्ष में आयोजित संविधान दिवस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि ग्रामसभा, विधानसभा और संसद के निर्वाचित प्रतिनिधियों की केवल एक ही प्राथमिकता होनी चाहिए।
वह प्राथमिकता है अपने क्षेत्र के सभी लोगों के कल्याण के लिए और राष्ट्रहित में कार्य करना। उन्होंने कहा कि विचारधारा में मतभेद हो सकते हैं, लेकिन कोई भी मतभेद इतना बड़ा नहीं होना चाहिए कि वह जनसेवा के वास्तविक उद्देश्य में बाधा बनें। सत्तापक्ष और प्रतिपक्ष के सदस्यों में प्रतिस्पर्धा होना स्वाभाविक है, लेकिन यह प्रतिस्पर्धा बेहतर प्रतिनिधि बनने और जन-कल्याण के लिए बेहतर काम करने की होनी चाहिए। संसद में प्रतिस्पर्धा को प्रतिद्वंद्विता नहीं समझा जाना चाहिए।