राजोल में 500 परिवारों को शिगरू (मोरिंगा) पौधों का वितरण

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आवाज ए हिमाचल

धर्मशाला। राजोल ग्राम पंचायत क्षेत्र में आयुष हेल्थ एवं वेल्नस केंद्र (एएचडब्ल्यूसी) और महिला एवं बाल विकास विभाग, हिमाचल प्रदेश द्वारा 500 परिवारों को शिगरू (मोरिंगा) पौधों का वितरण किया गया। अब हर परिवार के पास स्वास्थ्य देखभाल के लिए दैनिक उपयोग में आने वाला शिगरू पौधा होगा। एएचडब्ल्यूसी राजोल ने पहले ही औषधीय पौधे की मांग को एकत्र कर लिया था । पौधों का वितरण अपने रोगियों तथा आंगनवाड़ियों और ग्राम पंचायत वासियों के माध्यम से किया।

ये पौधे राष्ट्रीय औषधीय पौधे बोर्ड के क्षेत्रीय समन्वय केंद्र, जोगिंदरनगर के सहयोग से प्राप्त हुए थे । एएचडब्ल्यूसी की प्रभारी डॉ. ममता चंदन ने बताया कि लोग आयुष प्रणाली की दवाओं की ओर अधिक झुकाव रखते हैं और इस महत्वपूर्ण पौधे की व्यवस्था स्वास्थ्य देखभाल के लिए पोषणात्मक पहलुओं में योगदान देगी। मोरिंगा अपने भरपूर गुणों के कारण दुनिया भर में आकर्षण का केंद्र बना है। उन के स्वास्थ्य केंद्र में लोगों की रुचि उत्साहवर्धक है।

महिला बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी अशोक कुमार और पर्यवेक्षक रवि कुमार ने इस कार्यक्रम को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। पंचायत की सभी 5 आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं किरण, परोमिला, सोनिका, रमना एवं विनीता ने सराहनीय योगदान दिया। एएचडब्ल्यूसी फार्मसी ऑफिसर वंदना देवी , योगा गाइड अंजू राणा ने भी कार्यक्रम में सहयोग दिया। इस अवसर पर जिला आयुष अधिकारी डॉ. हरीश भारद्वाज ने निवासियों को बधाई दी और एएचडब्ल्यूसी स्टाफ और डॉ. ममता चंदन के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने महिला एवं बाल विकास विभाग के अशोक कुमार और रवि कुमार के प्रयासों की भी सराहना करते हुए कहा के आंगनबाड़ियाँ आयुष के साथ उत्तम काम करती हैं । उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय आयुष मिशन ने आयुष प्रणाली के माध्यम से सभी को स्वास्थ्य प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। आयुष राजोल स्वास्थ्य केंद्र हमेशा अग्रणी रहा है।

आखिर है क्या शिगरू (मोरिंगा)

शिगरू, जिसे मोरिंगा के नाम से भी जाना जाता है, एक अत्यंत महत्वपूर्ण औषधीय पौधा है। इसे ‘चमत्कारी वृक्ष’ और ‘जीवन का वृक्ष’ भी कहा जाता है। मोरिंगा के पत्ते, फूल, बीज और छाल सभी उपयोगी होते हैं और अनेक प्रकार के पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं।पोषक तत्वों से भरपूर: मोरिंगा के पत्तों में विटामिन ए, विटामिन सी, कैल्शियम, पोटैशियम, और प्रोटीन प्रचुर मात्रा में होते हैं। यह कुपोषण के खिलाफ लड़ने में सहायक है। औषधीय गुण: मोरिंगा में एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं। यह इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने और बीमारियों से लड़ने में मदद करता है।पाचन तंत्र के लिए लाभकारी: मोरिंगा पाचन तंत्र को सुधारता है और गैस्ट्रिक समस्याओं से राहत प्रदान करता है। त्वचा और बालों के लिए फायदेमंद: मोरिंगा के तेल और पत्तों का उपयोग त्वचा और बालों की देखभाल के लिए किया जाता है। यह त्वचा को नमी प्रदान करता है और बालों को मजबूत बनाता है। रक्तचाप और मधुमेह नियंत्रण: मोरिंगा के पत्तों का सेवन रक्तचाप और रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है।मोरिंगा का नियमित सेवन स्वास्थ्य को बेहतर बनाने और विभिन्न बीमारियों से बचाव में मदद करता है। यह पौधा न केवल पोषण से भरपूर है बल्कि स्वास्थ्य संवर्धन के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है।

कैसे करें उपयोग ?

मोरिंगा के पत्तों को सब्जी के रूप में पकाया जा सकता है पत्तों से पराँठे बनाए जाते हैं, मोरिंगा पाउडर को पानी, सूप या स्मूदी में मिलाकर सेवन किया जा सकता है।
मोरिंगा के बीजों से तेल निकाला जाता है, जिसे त्वचा और बालों के लिए उपयोग किया जा सकता है। – डॉ ममता चन्दन

 

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