राजधानी के हजारों उपभोक्ताओं को राहत, अब मुफ्त बदले जाएंगे खराब पेयजल मीटर

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आवाज़ ए हिमाचल 

शिमला। राजधानी के हजारों पेयजल उपभोक्ताओं के लिए राहत भरी खबर है। पेयजल कंपनी शहर में खराब पड़े पानी के दो हजार मीटरों को जल्द बदलने जा रही है। इसके लिए कंपनी ने टेंडर कॉल कर लिए हैं। अगले साल फरवरी में खराब मीटर बदलने का काम शुरू करने की तैयारी है। खास बात यह है कि उपभोक्ताओं को खराब मीटर के बदले लगने वाले नए मीटर का पैसा नहीं देना पड़ेगा। कंपनी इसे खरीदने से लेकर बदलने तक का खर्च खुद उठाएगी। एएमआर (आटोमेटिक मीटर रीडिंग) तकनीक वाले यह मीटर पहली बार शिमला शहर में लगाए जा रहे हैं। इन मीटरों की खासियत यह है कि मीटर रीडिंग लेने के लिए कंपनी के कर्मचारियों को घर-घर नहीं जाना पड़ेगा।

कंपनी के कर्मचारी दफ्तर में ही कंप्यूटर पर मीटर की रीडिंग देख सकेंगे और बिल जारी करेंगे। मीटरों में लगने वाली चिप से कंट्रोल रूम को रोज की पानी की खपत की जानकारी मिलती रहेगी। हालांकि, अभी नए मीटरों में यह चिप नहीं लगेगी। कंपनी के अनुसार विश्वबैंक प्रोजेक्ट के तहत शिमला शहर में सभी 35 हजार उपभोक्ताओं के पेयजल मीटर बदले जाने हैं।

इस प्रोजेक्ट के तहत चिप वाले एएमआर मीटर लगेंगे। इसीलिए अभी जिन उपभोक्ताओं को नए मीटर दिए जाएंगे उनमें बाद में ही चिप डाली जाएगी ताकि सभी को एकसाथ सुविधा मिल सके। अभी बिना चिप के यह मीटर लगाए जाएंगे। इसके अलावा कंपनी अपनी बड़ी पेयजल लाइनों में भी नए मीटर लगाने जा रही है। इससे पता चलेगा कि किस लाइन से कितना पानी जा रहा है, लीकेज का भी इससे पता चल सकेगा।

3,000 से ज्यादा खराब मीटर

पेयजल कंपनी के रिकॉर्ड के अनुसार शहर में तीन हजार से अधिक पेयजल उपभोक्ताओं के मीटर खराब हैं। इन्हें कई बार नोटिस दे चुके हैं। लेकिन उपभोक्ता मीटर नहीं बदल रहे। खराब मीटरों के चलते इन लोगों को रीडिंग पर बिल जारी नहीं हो रहे हैं। नगर निगम ने साल 2017 में शहर भर में 22 हजार से अधिक पेयजल उपभोक्ताओं के मीटर बदले थे। शहर में नए नीले रंग के मीटर लगाए थे। तब करीब तीन हजार घरेलू उपभोक्ता ऐसे थे जिनके मीटर नहीं बदले गए। इन उपभोक्ताओं का कहना था कि जब बाकियों के मीटर फ्री में बदले गए हैं, तो उन्हें भी यह सुविधा दी जाए।

“शहर में दो हजार खराब मीटर बदले जाएंगे। यह मुफ्त में बदले जाएंगे। नए एएमआर मीटर खरीदने के लिए टेंडर कॉल कर दिया है। कुछ बड़े मीटर भी खरीदे जा रहे हैं जिन्हें बड़ी पेयजल लाइनों में लगाया जाएगा।” – पीपी शर्मा, एजीएम पेयजल कंपनी

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