आवाज़ ए हिमाचल
गोपालदत्त शर्मा ( राजगढ़ )
02 अक्तूबर। कृषि आधारित भारतीय अर्थव्यवस्था में पशुधन एक अभिन्न अंग रहा है। पशुधन को आमतौर पर ग्रामीण आजीविका के लिए प्रमुख संपत्ति माना जाता है।यह बात खंड विकास अधिकारी अरविंद सिहं गुलेरिया ने कहा कि भारत के सकल घरेलू उत्पाद में पशुपालन 4% योगदान करता है।और ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं का योगदान पशुपालन क्षेत्र में सराहनीय रहा है। इसी योगदान को ध्यान में रखते हुए विकासखंड राजगढ़ में ,ग्रहणी की गौशाला, अभियान ब्लॉक टीम द्वारा चलाया गया। जिसका मुख्य उद्देश्य राजगढ़ ब्लाक की ग्रामीण क्षेत्रों की गरीब महिलाओं को गौशाला उपलब्ध करवाना तथा ग्रामीण क्षेत्रों में जो महिलाएं पशुपालन से अपनी आजीविका वृद्धि करना चाहती है उनके लिए गौशाला की उपलब्धता करवाना।
उन्नत तथा साफ-सुथरे गौशाला से जहां महिलाएं अपने पशुधन की रक्षा कर पाएंगी, और अपने पशुधन को विभिन्न प्रकार की बीमारियों से भी बचा पाएंगी। गुलेरिया ने कहा कि पशुधन के बिना कृषि कार्य पूर्ण नही हो सकता । गौशाला के लिए वह अपने पंचायत प्रधान व सचिव से संपर्क करे। इस अभियान के अंतर्गत विकास खंड राजगढ़ में काफी महिलाओं को गौशाला के लिए आवेदन किये है और काफी महिलाओं को गौशाल की स्वीकृति प्रदान कर दी गई है खंड विकास अधिकारी ने कहा कि गौशाला के लिए पंचायत सचिव प्रधान या सीधे खंड विकास कार्यलय मे भी संपर्क कर सकते है।