आवाज़ ए हिमाचल
जीडी शर्मा ( राजगढ़ )
6 नवंबर। राजगढ़ क्षेत्र के प्रसिद्व देव अराध्य शिरगुल देवता की जन्मस्थली शाया में बीते दिन साजी के पावन अवसर पर लगभग 15 हजार लोगों ने मंदिर पहुंच कर देव दर्शन किये व देवता महाराज का आर्शीवाद ग्रहण किया। वैसे तो वर्ष की चारों साजियों में शिरगुल देवता को मानने वाले लोगों की खासी भीड़ शाया मंदिर में रहती है लेकिन दीपावली के बाद पड़ने वाली बड़ी साजी जिसे पड़ेई का साजा भी कहा जाता है को यहां भीड़ कई गुणा बढ़ जाती है । शिरगुल देवता के मन्दिर में अखरोट व चावल चढाये जाते हैं ।
यहां काबिले जिक्र है कि आज के दिन यहां सिन्दूर का नहीं बल्कि चावल का टीका ही भक्तों को लगाया जाता है। प्रसाद के रूप मे भी चावल ही दिये जाते हैं। आधुनिक समय में पैसे चढ़ाने का प्रचलन बड़ा है और विशेष दिनों में लाखों का चढ़ावा शाया मंदिर में चढता है ।इस विशेष दिन में देवता की मूर्ती को मंदिर से बाहर लाकर क्षेत्र के शावगा की रेहणीयो अर्थात विवाहित स्त्रियों को देवता महाराज के दर्शन कराये जाते हैं , क्योंकि ऐसा कहा जाता है कि शावगा गांव की विवाहिताओ के मंदिर मे दर्शन करने की अनुमति नहीं है।
इस लिए साल मे एक बार आज के दिन ही वे देव दर्शन कर पाती है। मंदिर कमेटी कोषाध्यक्ष शेरजंग चौहान ने बताया कि इस वर्ष भी पड़ेई के अवसर पर लगभग 15 हजार लोगो ने शाया मन्दिर में दर्शन किये व परम्परा अनुसार चावल व् अखरोट शिरगुल देवता को भेंट कर उनका आशीर्वाद प्राप्त किया मंदिर परिसर मे भक्तों के लिए भंडारे का भी आयोजन किया गया था जिसमे हजारो भक्तो ने भंडारे का प्रसाद ग्रहण किया ।