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कोहली, शाहपुर। डॉ. मीनाक्षी दत्ता 36 वर्ष का शैक्षणिक व राजकीय महाविद्यालय शाहपुर में प्राचार्य पद का कार्यकाल समाप्त कर आज सेवानिवृत हो गई। उन्होंने अपने कार्यकाल में विभिन्न महाविद्यालयों में अपनी सेवाएं हिंदी विभाग की शिक्षिका के रूप में देते हुए विद्यार्थियों को हिंदी साहित्य व अपनी लोककला के माध्यम से जीवंत करने का प्रयास किया है। एक समर्पित अध्यापिका, प्रतिबद्ध शोधार्थी, निपुण संस्कृतिकर्मी, कर्त्तव्यनिष्ठ कार्यकर्त्री, मित्रवत एवं मृदुभाषिणी सहकर्मिणी, तथा मातृवत प्रशासिका के रूप में वे सदा हमारा मार्गदर्शन करती रहेंगी।
प्राचार्य डॉ मीनाक्षी दत्ता के पति डॉ अजय दत्ता ने कहा कि उनकी पत्नी हमेशा कार्य करने के लिए अग्रसर रहती हैं और मैं चाहूंगा कि वे आगे भी काम करती रहे। साहित्य कला अकादमी पुरस्कार प्राप्त उनके पिता गौतम कुमार “व्यथित “ने बताया कि उनकी बेटी बाल्यावस्था से ही कला प्रेमी रही है, उन्होंने काँगड़ा लोक नृत्य झमाकड़ा को विश्व पटल पर लाने के लिए देश -विदेश में कार्य किया है।शुरू से ही वे मृदुभाषी तथा दूसरों के लिए प्रेरणा स्त्रोत रही हैं। आज इस पल वे गर्व की अनुभूति कर रहे हैं।प्रो रेखा डढ़वाल, प्रो आरती वर्मा , प्रो संजीवन कटोच,उनकी बेटी डॉ आयुषी दत्ता, लोकेश नंदन,उनकी पत्नी व अन्य गणमान्य अतिथियों का स्वागत तथा अभिनन्दन महाविद्यालय सचिव प्रो संजीव कुमार ने किया। अपने भाषण में प्राचार्य ने सभी का धन्यवाद करते हुए अपने छोटे से कार्य काल को सुखद बताया तथा कहा कि मैं आपकी ऋणी रहूंगी जो प्यार अपने मुझे दिया। इस अवसर पर पूरा महाविद्यालय परिवार उपस्थित रहा।