आवाज ए हिमाचल
तरसेम जरयाल,धर्मशाला
31 दिसंबर।राजकीय महाविद्यालय धर्मशाला के संस्कृत विभाग द्वारा द्वि दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह कार्यशाला “अध्ययन में पुस्तकालय -प्रयोगविधि व पुस्तकालय प्रयोग का महत्व” विषय पर आधारित थी।कार्यशाला का आयोजन महाविद्यालय के पुस्तकालय भवन में किया गया है। इस अवसर पर संस्कृत विभाग के विद्यार्थियों को पुस्तकालय के महत्व और अध्ययन में पुस्तकालय संसाधनों का अधिकतम उपयोग करने के लिए प्रेरित किया गया।महाविद्यालय प्राचार्य डॉ. राकेश पठानिया के निर्देशन में आयोजित इस कार्यशाला में संस्कृत विभाग के प्रथम वर्ष, द्वितीय वर्ष और तृतीय वर्ष के विद्यार्थियों ने भाग लिया।इस कार्यशाला के माध्यम से विद्यार्थियों को पुस्तकालय प्रबंधन, पुस्तकालय में ग्रंथों को ढूंढने की विधि, पुस्तकालय संसाधनों का उपयोग करने के तरीके और अन्य विषयों पर जानकारी प्रदान की गई। इस कार्यशाला में भाग लेने वाले विद्यार्थियों ने पुस्तकालय प्रबंधन, पुस्तकालय में ग्रंथों को ढूंढने की विधि, पुस्तकालय संसाधनों का उपयोग करने के तरीके और अन्य विषयों पर जानकारी प्राप्त की।
संस्कृत विभाग की अध्यक्षा स्वर्ण लता शर्मा ने पुस्तकालय में स्थित प्राचीन साहित्य, वेद ,पुराण ,उपनिषद् ,दर्शन ग्रंथ आदि के अध्ययन के विषय में विद्यार्थियों को जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यह कार्यशाला विद्यार्थियों को पुस्तकालय उपयोग के प्रति जागरूक और प्रेरित करने का एक महत्वपूर्ण प्रयास था।निश्चित रूप से आने वाले समय में विद्यार्थी इस कार्यशाला द्वारा प्राप्त ज्ञान से लाभान्वित होंगे।इस कार्यशाला में संस्कृत विभाग के सभी विद्यार्थियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया तथा इसे अत्यधिक ज्ञानवर्धक पाया।इस कार्यशाला में प्रोफेसर स्वर्ण लता शर्मा ,पुस्तकालय सहायक अध्यक्षा कविता।अंजना ढरवाल, शशि लता, निखिल तथा संस्कृत विभाग के सभी विद्यार्थी उपस्थित रहे।