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बबलू सूर्यवंशी, शाहपुर।
6 अप्रैल। शाहपुर के चड़ी निवासी रजनेश शर्मा को रोटरी क्लब शाहपुर ने “नूर-ए-शाहपुर” आवार्ड से सम्मानित किया है। उन्हें यह सम्मान 66 बार रक्तदान करने पर दिया गया है।
66 बार रक्तदान करने के साथ मरणोपरांत अपनी देह दान करने का संकल्प ले चुके रजनेश समाज में एक प्रेरणा बनकर उभरे हैं । पतंजलि योगपीठ सहित अनेक सामाजिक संस्थाओं से जुड़े रजनेश शर्मा की पत्नी रमा शर्मा ने भी मरणोपरांत अपनी देह मेडिकल कालेज के छात्रों की पढ़ाई के लिए दान करने का निर्णय लिया है। दोनों ने इसके लिए तमाम औपचारिकताएं भी पूरी कर ली हैं।
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26 जून 1965 को शाहपुर तहसील के अन्तर्गत चड़ी गांव में श्रीमती जगतम्बा देवी एवं श्री चन्दो राम शर्मा के घर जन्मे रजनेश कुमार शर्मा को माता-पिता से ऐसे संस्कार मिले कि इन्होंने अपना पूरा जीवन सेवा के कार्य में लगा दिया। रक्तदान करने व देहदान करने का निर्णय लेने के अतिरिक्त पर्यावरण सरंक्षण, रोग मुक्ति के लिए निशुल्क योग शिविर लगाना इनकी दिनचर्या का हिस्सा बन गए हैं।
कोविड-19 के दौरान भी इन्होंने समाज में वेहतर सेवाएं देकर लोगों के दिलों में जगह बनाई। किसी भी तरह का सेवा का कार्य हो रजनेश शर्मा सदैव आगे रहते हैं । यही कारण है कि इनको जिला प्रशासन, प्रदेश सरकार, विश्व विख्यात योग गुरु स्वामी रामदेव, महामहिम राज्यपाल हिमाचल प्रदेश तथा अनेक सामाजिक संस्थाओं द्वारा सम्मानित किया जा चुका है।
रोटरी क्लब शाहपुर द्वारा 66 बार रक्तदान करने के लिए इन्हें “नूर-ए-शाहपुर” अवार्ड प्रदान करके अलंकृत करने पर अनेक लोगों ने उन्हें वधाई व शुभकामनाएं दी हैं।