50,000 करोड़ कर्ज छोड़ गई थी वीरभद्र सिंह सरकार
आवाज़ ए हिमाचल
शिमला। नेता प्रतिपक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा है कि कांग्रेस सरकार की ओर से सदन में रखा गया व्हाइट पेपर सिर्फ एक पॉलिटिकल डॉक्यूमेंट है। इसमें राजनीतिक स्कोर सेटल करने के लिए आंकड़े अपनी मर्जी से तोड़मरोड़ कर पेश किए गए हैं। जयराम ठाकुर विधानसभा परिसर में स्थित अपने कार्यालय में मीडिया से बात कर रहे थे। जयराम ठाकुर ने कहा कि जिस तरह से इस पोलिटिकल डॉक्यूमेंट को विधानसभा के अंदर रखने के लिए प्राइवेट मेंबर डे के दिन तरीका अपनाया गया, वह निंदनीय है। उन्होंने वर्तमान कांग्रेस सरकार पर कर्ज का बोझ और बढ़ाने का आरोप लगाते हुए कहा कि आठ महीने में 8000 करोड़ का रन ले चुके हैं और दूसरों को लोन पर नसीहत दे रहे हैं। जयराम ठाकुर ने कहा कि वीरभद्र सिंह सरकार जब गई थी, तो 50000 करोड़ का लोन छोडक़र गई थी। लोक निर्माण विभाग से लेकर कांग्रेस की राजनीतिक रैलियों में गई एचआरटीसी की बसों का भुगतान हमने किया था। हमारी सरकार ने सामाजिक सुरक्षा पेंशन का दायरा बढ़ाया और करोड़ों जैसे मुश्किल वक्त के साथ-साथ कर्मचारियों को वेतन आयोग का लाभ भी दिया। इसके बावजूद लोन लेने में काफी अनुशासन से काम किया। वीरभद्र सिंह ने पांच साल में 29522 करोड़ का कर्ज़़ लिया और 10024 करोड़ का कर्ज़़ चुकाया। दो साल से ज़्यादा समय तक कोरोना की महामारी से गुजरने के बाद भी हमने 30059 करोड़ रुपये का कर्ज लिया था और 14244 करोड़ रुपए का कर्ज चुकाया।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि अब प्रधानमंत्री के दौरे पर सवाल उठाए जा रहे हैं। पूर्व कांग्रेस सरकार में राहुल गांधी आचार संहिता के चार दिन पहले पड्डल मैदान में आए। उस रैली को सरकारी रैली बनाकर एचआरटीसी की बसें लगाई गई। हमारी सरकार ने उस रैली के लिए 80 लाख का भुगतान एचआरटीसी को किया। कांग्रेस के लोग बताएं राहुल गांधी क्या थे? वह तो सिर्फ़ एमपी ही थे। हमने कांग्रेस की तहत छोटी हरकत नहीं की।