आवाज़ ए हिमाचल
08 जुलाई । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने दूसरे कार्यकाल के पहले मंत्रिमंडल विस्तार में चुनावी जरूरतों के हिसाब से सामाजिक व क्षेत्रीय गणित साधने की कोशिश की है। पहली बार अनुसूचित जाति के दो नए चेहरों को जगह देकर पहले से मौजूद चेहरों के साथ सामाजिक व क्षेत्र में संतुलन बनाने की कोशिश की है।
इससे पीएम मोदी और भाजपा हाईकमान की 2022 के विधानसभा चुनाव में यूपी फतह की फिक्र साफ झलक रही है। सात नए चेहरों से एक तरह से 2022 के चुनावी चक्रव्यूह के सातवें यानी अंतिम द्वार को तोड़ने की कोशिश का संदेश दिया है। अनुप्रिया पटेल को कैबिनेट में शामिल करके जहां गठबंधन को मजबूती से चलाने का संदेश दिया गया है
संतोष गंगवार को हटाने की एवज में दो कुर्मी चेहरों को शामिल करके भाजपा के परंपरागत कुर्मी वोटों को साधे रखने का प्रयास किया गया है। विस्तार के बाद केंद्रीय मंत्रिमंडल में पीएम मोदी सहित यूपी से अब सर्वाधिक 15 मंत्री हो गए हैं।