आवाज़ ए हिमाचल
19 दिसम्बर। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सरकार बनाने वाली आम आदमी पार्टी ने हाल ही में एलान किया है कि 2022 में उत्तर प्रदेश विधानसभा के होने वाले चुनाव में वह भी पूरी तैयारी के साथ उतरेगी। आम आदमी पार्टी की घोषणा से सूबे का सियासी पारा चढ़ता दिख रहा है। आम आदमी पार्टी जहां सत्ताधारी भाजपा के निशाने पर है। वहीं, दूसरी पार्टियों में भी बेचैनी कम नहीं है। आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का स्पष्ट कहना है कि उन्होंने तो उत्तर प्रदेशवासियों की राय पर ही यहां से चुनाव लड़ने की घोषणा की है।केजरीवाल को उम्मीद है कि न केवल विधानसभा चुनाव में बल्कि राज्य के पंचायत चुनाव में भी उनका प्रदर्शन बेहतर रहेगा। वह कहते हैं कि उनका नहीं, बल्कि प्रदेशवासियों का सपना है कि राज्य में आम आदमी पार्टी की सरकार हो। उत्तर प्रदेश की दुर्दशा पर दुख जताते हुए आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक का मानना है कि 70 वर्षों के दौरान यहां सत्ता में रहने वाली पार्टियों की नीयत खराब थी। वह लोग अपने घर ही भरते रहे, जिससे उत्तर प्रदेश पिछड़ता गया। राज्य में न युवाओं के लिए रोजगार के अवसर हैं और न ही बेहतर बुनियादी सुविधाएं।
अजय जायसवाल से बातचीत के दौरान अरविंद केजरीवाल कहते हैं कि आम आदमी पार्टी छोटी हो सकती है, लेकिन उसकी नीयत साफ है। अच्छी नीयत से सरकार चलाकर हमने दिल्ली में बहुत कुछ बेहतर करके दिखाया है। दिल्ली में तीसरी बार आम आदमी पार्टी की सरकार बनने के बाद से ही उत्तर प्रदेश के आम लोगों के अलावा कई सारे संगठन और नेता मुझसे कहने लगे कि दिल्ली की तरह बिजली, पानी, सड़क, नाली, शिक्षा व स्वास्थ्य आदि बेहतर बुनियादी सुविधाओं के लिए उत्तर प्रदेश में भी आम आदमी पार्टी को चुनाव लड़ना चाहिए। जब मैंने उन लोगों से ही पूछ लिया कि आम आदमी पार्टी तो एक छोटी सी पार्टी है। उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य में चुनाव कैसे लड़ेंगे, पैसा कहां से आएगा, तब उन लोगों का ही जवाब था कि जैसे दिल्ली की जनता ने आप का साथ दिया, वैसे ही उत्तर प्रदेश की जनता भी आम आदमी पार्टी के लिए चुनाव लड़ेगी। मुद्दा शहर या गांव का नहीं बल्कि अच्छी नीयत का है। अहंकार के बिना अच्छी नीयत से काम करने वाली सरकार के होने पर शहरों और गांवों, दोनों का विकास होगा। अगर जनता की समस्याओं को सुनकर जनता के साथ मिलकर अच्छी नीयत के साथ काम किया जाए, तो शहर और गांव दोनों की समस्याओं का निपटारा हो सकता है।
छह साल पहले जब हमने दिल्ली का पहला चुनाव लड़ा था तब आम आदमी पार्टी ने न शहर में और न ही गांव में काम किया था। हमें दिल्ली वालों ने मौका दिया और हमने अच्छा करके दिखाया। अब अगर उत्तर प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में भी काम करने का मौका मिलेगा तो वहां भी अच्छा करके दिखाएंगे। मेरा तो यही मानना है कि जो पार्टी शहरों में अच्छा कर सकती है, वह गांव में भी अच्छा करेगी और जो शहर में अच्छा नहीं कर सकती, वह गांव में भी नहीं कर सकती है।उत्तर प्रदेश की जनता ने सभी पार्टियों को एक बार मौका दिया है। वह चाहे भारतीय जनता पार्टी हो या फिर समाजवादी पार्टी, कांग्रेस या बहुजन समाज पार्टी, लेकिन यह बात भी स्पष्ट है कि कोई भी पार्टी उत्तर प्रदेश के निवासियों की उम्मीदों पर खरी नहीं उतरी है। अपनी-अपनी राजनीति के चक्कर में ये पार्टियां लोगों की आशा और उम्मीदों को पूरा नहीं
कर पाईं।
भाजपा झूठे आरोप लगा रही है। हमारी सरकार ने कोरोना से निपटने के लिए देश ही नहीं दुनियाभर में सबसे शानदार प्रबंधन किया। हमारे सामने ढेरों चुनौतियां थीं। देश की राजधानी होने के नाते देश-विदेश से बड़ी संख्या में लोग यहां आए जिससे दिल्ली में कोरोना तेजी से फैला। दिल्ली कोरोना के मुश्किल चरणों से गुजर चुकी है। अब कोरोना नियंत्रित है। दिल्ली ने दुनियाभर को होम आइसोलेशन का मॉडल दिया। प्लाज्मा थेरेपी सहित कई अन्य तकनीक और पद्धतियां दिल्ली के लोगों ने पूरी दुनिया को दी, जिससे सभी को बहुत फायदा हुआ है।