आवाज ए हिमाचल
24 फरवरी।यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद हिमाचल प्रदेश में भी हड़कंप मच गया है। हिमाचल प्रदेश के 130 से ज्यादा विद्यार्थी और अन्य लोग यूक्रेन में फंसे हुए हैं। यूक्रेन में फंसे ज्यादातर विद्यार्थी एमबीबीएस कर रहे हैं। सुबह यूक्रेन पर दागी गईं रूस की मिसाइलों के धमाकों के बाद से प्रदेश में विद्यार्थियों के अभिभावक चिंतित हैं। कोई फोन तो कोई व्हाट्सएप कॉल कर अपने बच्चों और वहां फंसे अपने परिवार वालों का हालचाल पूछ रहा है। ज्यादातर बच्चे यूनिवर्सिटी के हॉस्टलों में फंसे हैं। कुछ के शुक्रवार को भारत आने के हवाई टिकट कंफर्म हो चुके हैं, लेकिन उन्हें चिंता सता रही है कि वे समय पर सुरक्षित हवाई अड्डे पर पहुंच पाएंगे या नहीं।
मंडी के कुछ छात्र गुरुवार सुबह ही फ्लाइट से नई दिल्ली पहुंचे जो अपने आपको खुशनसीब मान रहे हैं। उधर, सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि रूस से युद्ध के बीच यूक्रेन में हिमाचल प्रदेश के लोग भी फंसे हुए हैं। उम्मीद करते हैं कि वे सुरक्षित होंगे। इस मामले को केंद्र सरकार के समक्ष भी उठाया गया है। वहां फंसे लोगों की सही संख्या मालूम कर रहे हैं। जितनी भी संख्या है, वह विदेश मंत्रालय के पास उपलब्ध है।
किस जिले के कितने लोग फंसे
अभी तक की जानकारी के अनुसार ऊना के 26, मंडी के 23, हमीरपुर के 20, बिलासपुर के 18, सोलन के 16, कुल्लू के 8, चंबा के 7, कांगड़ा-सिरमौर के 3-3 और एक व्यक्ति शिमला का यूक्रेन में फंसा है।
परिजन 1100 फोन नंबर पर करें संपर्क
प्रदेश सरकार ने यूक्रेन में फंसे विद्यार्थियों और अन्य लोगों के परिजनों से मुख्यमंत्री सेवा संकल्प हेल्पलाइन 1100 पर संपर्क करने के लिए कहा है। सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि यूक्रेन में फंसे हिमाचल के नागरिकों को वापस लाने के लिए सरकार विदेश मंत्रालय के साथ निरंतर संपर्क में है।
जिला शिमला के ठियोग की चिखड़ पंचायत की कशिश शर्मा भी यूक्रेन में फंसी हैं। हालांकि, परिजन उससे संपर्क में हैं। कशिश के परिजनों ने भारत सरकार से मामले में तुरंत हस्तक्षेप कर यूक्रेन में फंसे भारतीय विद्यार्थियों को लाने की मांग की है। चिखड़ पंचायत निवासी महेंद्र शर्मा ठियोग अस्पताल के साथ दवाइयों की दुकान चलाते हैं। उनकी बेटी चार साल से यूक्रेन में पढ़ाई कर रही हं। यूक्रेन में छिड़े युद्ध से कई भारतीय विद्यार्थियों के लिए संकट की घड़ी पैदा हो गई है।
इससे परिजन भी चिंता में हैं। उन्होंने कहा कि गुरुवार दोपहर बाद करीब 3 बजे उनकी बेटी से बातचीत हुई थी। वीडियो कॉल पर बात नहीं हो पा रही है। उन्होंने बताया कि यूक्रेन में बीएमएस यू में उनकी बेटी मेडिकल की शिक्षा ग्रहण कर रही हैं। बेटी से लगातार परिवार के अन्य सदस्य भी फोन पर संपर्क साधे हुए हैं। कशिश के परिजनों ने सरकार से मांग की है जल्द हस्तक्षेप कर बच्चों को भारत लाने के लिए पहल करें।
सिरमौर के पांवटा साहिब के तीन विद्यार्थी यूक्रेन में फंसे हैं। परिजनों का कहना है कि गुरुवार को हालात ठीक नहीं होने पर भारतीय जहाज को उतारा नहीं जा सका। यूक्रेन के इवानो में हिमाचल के काफी विद्यार्थी फंसे हैं। पांवटा निवासी वरिष्ठ अधिवक्ता गुलशन अंसारी ने कहा कि उनकी बेटी मुस्कान खान इवानो में एमबीबीएस चतुर्थ वर्ष में शिक्षा ग्रहण कर रही हैं। बेटी ने फोन पर बताया कि सुबह चार बजे रूस ने मिसाइल से हमला किया है।
भारतीय दूतावास ने अपने हैंडबैग पैक रखने के लिए कहा है। सिविल अस्पताल पांवटा के वरिष्ठ डॉ. एके राघव ने कहा कि ध्रुव राघव यूक्रेन में एमबीबीएस दूसरे वर्ष का छात्र है। सुबह फोन पर बात हुई तो बेटे ने कहा कि जिस स्थल पर हमला हुआ है, उससे काफी दूर उनका शिक्षण संस्थान है। फतेहपुर पंचायत के कृषि विकास अधिकारी पांवटा साहिब उपेंद्र चौधरी ने कहा कि दो माह पहले ही बेटी अक्षिता यूक्रेन के इवानो में गई है। वह एमबीबीएस प्रथम वर्ष की छात्रा है। सुबह ही बेटी से बात हुई। रूस के मिसाइल अटैक के बाद बच्चे दहशत में हैं।
आदर्श कन्या राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला पांवटा साहिब के प्रधानाचार्य डॉ. दीर्घायू प्रसाद ने कहा कि उनका बेटा यूक्रेन से ही एमबीबीएस कर रहा है। बेटा समुज्वल किमोठी चतुर्थ वर्ष में है। रूस व यूक्रेन के बीच हालात बिगड़ने की आशंका के बीच वह 19 फरवरी को घर लौटा है। उपायुक्त रामकुमार गौतम ने लोगों से अपील की कि यदि उनका कोई रिश्तेदार अथवा सगा संबंधी या विद्यार्थी यूक्रेन में फंसा है तो इसकी जानकारी प्रशासन को दें।
यूक्रेन पर रूस ने हमला कर दिया है। ऐसे में वहां पढ़ाई करने गए हिमाचल सहित जिला कुल्लू के भी दर्जनभर से अधिक विद्यार्थी फंस गए हैं। इससे अभिभावकों की चिंता बढ़ गई है। उन्होंने कहा कि भारतीय दूतावास उनके बच्चों का ख्याल रखे। परिजन रात-दिन अपने बच्चों का फोन और वीडियो कॉल से हाल जान रहे हैं। कुल्लू पुलिस के पास सात विद्यार्थियों के यूक्रेन में फंसे होने की सूचना है। इनकी संख्या अधिक बताई जा रही है।
जिला कुल्लू के कटराईं के भाई-बहन भी शामिल हैं। वह यूक्रेन के पश्चिम स्थित उजहोरोड नेशनल यूनिवर्सिटी में एमबीबीएस कर रहे हैं। पिता विवेक गौतम ने कहा कि वैभवी गौतम चार साल से पढ़ाई कर रही हैं। विदित गौतम दो साल से यूक्रेन में पढ़ाई के लिए गए हैं। फिलहाल उनके बच्चे सुरक्षित जगह पर हैं। वह अपने बच्चों से दिन में तीन से चार बार फोन और वीडियो कॉल से बात कर रहे हैं। उन्होंने यूक्रेन में भारतीय दूतावास से मांग की है कि वह उनके बच्चों से संपर्क बनाए रखे।
उन्होंने कहा कि भारत से जो फ्लाइट यूक्रेन जा रही है, उसके टिकट नॉर्मल टिकट से तीन गुना तक महंगे हैं। हालांकि, उन्होंने अपने दोनों बच्चों के टिकट नौ मार्च को बुक करवाए हैं, इस मुश्किल घड़ी में हवाई टिकट का रेट तीन गुना किराया लेना उचित नहीं है। टिकट के 25 की जगह 70 हजार रुपये लिए जा रहे हैं। इस पर भारत सरकार को ध्यान देने की जरूरत हैं। उधर, अन्य अभिभावक भी बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। एसपी कुल्लू गुरदेव शर्मा ने कहा कि पुलिस के पास सात लोगों के यूक्रेन में फंसे होने की सूचना है।
शिक्षण संस्थानों ने विद्यार्थियों को बाहर न निकलने की दी हिदायत
जिला ऊना से भी कई विद्यार्थी यूक्रेन में एमबीबीएस की डिग्री करने गए हैं। इनमें विधानसभा क्षेत्र गगरेट की चार छात्राएं भी हैं। अंबोआ से विकास परमार की बेटियां विभावरी सिंह व शिवांगनी सिंह, डंगोह गांव के प्रवीण कौशल की पुत्री अनिका कौशल, नंगल जरियालां गांव के राकेश कुमार की पुत्री आकांक्षा यूक्रेन में एमबीबीएस कर रही हैं। विकास परमार ने बताया कि गुरुवार को बेटियों से बात हुई है। उन्हें शिक्षण संस्थान ने जहां वे हैं, वहीं रहने की हिदायत दी है।
उनसे बाहर न निकलने के लिए कहा गया है। बेटियों ने बताया कि उन्होंने पास खाद्य और अन्य जरूरी सामान जरूरत के अनुसार रख लिया है। डंगोह की अनिका कौशल के पिता प्रवीण कौशल ने बताया कि जिस स्थान पर उनकी बेटी का शिक्षण संस्थान है, वहां परिस्थितियां उतनी खराब नहीं हैं। उन्होंने उस एजेंट से बात की है, जिसके माध्यम से बेटी को यूक्रेन भेजा था। अब शायद उन्हें पोलैंड के रास्ते भारत लाने की योजना है। परिजनों ने केंद्र सरकार से भी मामले में जल्द हस्तक्षेप कर विद्यार्थियों को सुरक्षित स्वदेश लाने की मांग की है।